Expectorants are the drugs used for cough. Cough is a protective reflex, its purpose being expulsion of respiratory secretions or foreign party cles from air passages. Expectorants (Mucokinetics) Bronchial secretion enhancers :- Sodium or Potassium citrate, Potassium iodide, Guaiphenesin (Glyceryl guaiacolate), balsam of Tolu, Vasaka, Ammonium chloride. Mucolytics: Bromhexine, Ambroxol, Acetyl cysteine, Carbocisteine DEMULCENTS AND […]
Month: July 2020
आभाफलत्रिकव्योषैः सवरेतैः समांशकैः । तुल्यं गुग्गुलुना योज्यं भग्नसन्धिप्रसाधनम्।। ( भाव प्रकाश मध्यम भग्न 48/33 ) ◾सामग्री- बबूल की छाल (Vachellia nilotica) सोंठ (Zingiber officinale) मरीच (Piper nigrum) पिप्पली (Piper longum) हरड़ (Terminalia chebula) बहेड़ा (Terminalia bellirica) आंवला (Phyllanthus emblica) गुग्गुल (Commiphora wightii) विधि- सभी द्रव्य समान भाग लें व गुग्गुलु इन सबके समान भाग लेकर […]
Introduction of epilepsy These are a group of disorders of the CNS characterized by paroxysmal cerebral dysrhythmia, manifesting as brief episodes (seizures) of loss or disturbance of conscious ness, with or without characteristic body movements (convulsions), sensory or psychiatric phenomena. Some of the main causes of epilepsy include: Low oxygen during birth. Head injuries that […]
Name:- संस्कृत यवक्षार हिन्दी जवाखार, जौखार English Mixture of Potassium salts पर्याय:- यवज यव्य याव्य पाक्य यवशूक शूकज यवनालज यवक्षार यावशूकज परिचय:- पके हुए जौ के पञ्चाङ्ग को सुखाकर➡जलाने पर क्षारपाक विधि सेे प्राप्त किया गया श्वेतक्षार है दानायुक्त चूर्णरूप श्वेतवर्ण , क्षार और तिक्त रस होता है। यवक्षार निर्माण :- पके जौ के पञ्चाङ्ग […]
Tankanshaar is widely used in Ayurveda due to it’s properties so today in our post you will come across the properties and uses according to B.A.M.S. syllabus. Name:- संस्कृत टंकण हिन्दी सुहागा English Borax Chemical name Sodium Pyroborate hardness,- 2-2.5 relative density – 1.69-1.72 Formula – Na2B4O710H2O पर्याय:- टंकण टंकन टंग सौभाग्य स्वर्णशोधन रंग रँगद […]
Gokshuradi Guggulu is commonly used to treat urinary/ Kidney disorders. अष्टाविंशति संख्या पलान्यानीय गोक्षुरा। विपचेत् षड्गुणे नीरे क्वाथ ग्राह्योऽर्धशेषितः।। ततः पुनः पचेत् तत्र पुरं सप्तपलं क्षषिपेत। गुडपाकसमाकारं ज्ञात्वा तत्र विनिक्षिपेत्।। त्रिकटु त्रिफला मुस्तं चूर्ण पल सप्तकम्। ततः पिण्डीकृतस्यास्य गुटिकामुपयोजयेत्।। हन्यात् प्रमेह कृच्छ्र च प्रदरं मूत्रघातकम्। वातास्त्रं वातरोगांश्च शुक्रदोषं तथाश्मरीम्।। ( शा. सं. मं 7/84-87) गोक्षुर […]
काञ्चनार गुग्गुल (Kanchnar guggulu) एक आयुर्वेदिक औषधि है। यह दवा गोलियों यानी टेबलेट के रूप में बनाई जाती है। काञ्चनारत्वचो ग्राह्यं पलानां दशकं बुधैः।। त्रिफला षट्पला कार्य त्रिकटु स्यात् पल त्रयम् । पलैकं वरुणं कुर्यादेलात्वक्पत्रकं तथा। एकैकं कर्षमात्रं स्यात् सर्वाण्येकत्र चूर्णयेत्। यावच्चूर्णमिदं सर्व तावन्मात्रस्तु गुग्गुलुः।। सङ्कट्य सर्वमेकत्र पिण्डं कृत्वा च धारयेत्। गुटिकाः शाणिकाः कार्याः प्राताह्या यथोचितम्।। […]
सिंहनाद गुग्गुलु (Singhnad guggulu) एक आयुर्वेदिक औषधि है। यह आमवात की श्रेष्ठ औषध मानी जाती है। पल त्रयं कषाचस्य त्रिफला याः चूर्ण।सौगन्धिकपल ेक कौशिकस्य पलं तथा।कडवं चित्रतैलस्य सर्वमादाय यत्नतः।पाचयेत्याकविदेशः पात्रे लौहमये दृदे।।हन्ति वात तथा पित्तं श्लेष्मार्ण खज पहनता श्वास सुदुर्जयं हन्ति का्स पविधं तथा।। कुष्ठानि वातरक्तानि गुल्मशूलोदराणि चा आमवात जयदेतदपि वैद्य विवर्जितम्।। ( भै. र. […]
Name:- संस्कृत – स्वर्जिकाक्षारः हिन्दी – सज्जीक्षार पर्याय:- ref.:( र.त. 13/42-44) स्वर्जि स्वर्जी स्वर्जिका सर्जि सर्जिका रूचक कपोत सौवर्चल सुखवर्च परिचय:- पंजाब एवं सिन्ध प्रान्त में लाना नमक क्षारयुक्त वनस्पति को जलाकर सज्जीक्षार (Swarjika kshara) बनाया जाता है। निर्माण:- Ref: ( र .त.13/45-47) छोटी दुरालभा के पञ्चाङ्ग को ➡धूप में सुखाने के बाद जलाकर राख […]
त्र्यूषणं त्रिफला मुस्तां विडङ्गान्यथ चित्रकम् । शट्येला पिप्पलीमूलं माक्षिकं देवदारु च।। तुम्बुरु पौष्करं मूलं चविकातिविषा तथा। द्वे हरिद्रे विडं कृष्णा यवक्षार: ससन्धैवः ।। हस्तिपिप्ल्यपामार्गा: समभागानि कारयेत्। गुग्गुलुं द्विगुणं दद्याद् गुलिकास्त्वक्षसम्मिताः।। भक्षयेत यथाकामं माक्षिकेण समन्वितम्। मधुमार्दीकमैरेयसुराशीधुसुखोदकम्।। दाडिमाम्बु यवक्षारमनुपाने प्रशस्यते। एतत्सर्वेषु गुल्मेषु प्लीह्नि सर्वोदरेषु च।। अर्शोभगन्दरे शोषे तथा क्षतक्षये। वातव्याधिषु सर्वेषु सर्वेष्वेव व्रणेषु च।। अष्टादशसु कुष्ठेषु स्त्रीणां […]