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Anantavata Shiroroga | अनन्तवात शिरोरोग – Causes, Treatment

सुश्रुत संहिता उत्तर स्थान में 11 प्रकार के शिरोरोग का वर्णन मिलता है। अन्तवात शिरोरोग (Anantavata Shiroroga) उनमें से एक है। इसमें पृष्ट व ग्रीवा में तीव्र वेदना और कम्प होता है, साथ ही नेत्र रोग व हनुग्रह भी हो सकता है।

निदान व संप्राप्ति:-

उपवासातिशोकातिरूप शीताल्पभोजनैः । दुष्टा दोषासयो मन्यापश्चाद्धाटासु वेदनाम् ।। तीव्रां कुर्वन्ति सा चाक्षि भ्रंशखेष्ववतिष्ठते । स्पन्दनं गण्डपार्श्वस्य नेत्ररोग हनुग्रहम् ।। सोऽनन्तवातस्तं हन्यात् सिरार्कावर्तनाशनैः। वातो रूक्षादिभिः क्रुद्धः शिरः कम्पमुदीरयेत् ।। (च.सि. 9/ 84-85)

पललं दधि मत्स्यांश्च पिष्टान्नविकृती: पयः । दिवास्वप्नं च भजतस्त्रयः कुप्यन्ति धातवः ॥ (भेल संहिता चिकित्सा अध्याय 21/ 14)

अत्यधिक उपवास, शोक, अतिरूक्ष, शीत व अल्प भोजन सेवन, तिल की पिट्टी, दही, मछली, मैदा, दूध एक साथ खाने से।

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वातादि तीनों दोष प्रकुपित होकर ग्रीवा की दोनों मन्या नाड़ियां पीड़ित

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दोष नेत्र, भृकुटी, शंख में स्थित होकर, मन्या, पृष्ट व ग्रीवा में तीव्र वेदना, कम्प, नेत्र रोग व हनुग्रह

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अन्तवात शिरोरोग (Anantavata Shiroroga)

चिकित्सा:-

अनन्तवाते कर्त्तव्यः सूर्यावर्तहरो विधिः। सिराव्यधश्च कर्त्तव्योऽनन्तवात प्रशान्तये ।। (सु.उ. 26/ 36)

Raktmokshan for Anantavata Shiroroga
Raktmokshan for Anantavata Shiroroga
  • ललाट, अस्थि, सिरा, रक्त मोक्षण व सूर्यावर्त नाशक औषधियां का प्रयोग करना चाहिए।
  • रूक्ष आहार विहार के कारण अगर कम्प हो तो स्नेहन, स्वेदन प्रयोग
  • घृत, तैल, वसा, मज्जा का उत्तम मात्रा में पान
  • शिरोविरेचन, काय विरेचन, नाड़ी स्वेदन
  • पुराना घृत पान
  • उपनाह
  • शिरोबस्ति प्रयोग
  • अग्नि कर्म
  • वचा व पिप्पली का अवपीड़ नस्य
  • चक्रमर्द को कांजी में पीसकर लेप
  • विडङ्गादि लेप
  • बलादि लेप
  • दाव्य्रादि लेप
  • मरिचादि योग
  • गिरिकर्णी अपराजिता
  • शुण्ठी का लेप
  • शर्करा मिश्रित दुग्ध/ नारियल/ जल पान
  • पथ्यादि क्वाथ
  • मधु मुस्तक सेवन
  • वात पित्त नाशक भोजन सेवन
  • भृंगराज व बकरी दूध सम भाग धूप में गर्म कर नस्य
  • बकरी दूध के साथ शूण्ठी नस्य
  • कुमकुम घृत
  • हुरहुर पत्र लेप
  • गान्धार्यादि नस्य
  • तुवर्यादि नस्य
  • विडङ्गादि नस्य
  • मरीचादि लेप
  • शारिवादि लेप
  • दाव्र्दि लेप
  • बलादि लेप
  • करंजादी चूर्ण से विरेचन
  • नीलोत्पलादि तैल

Modern Correlation:-

Trigeminal Neuralgia (TN)

  • It is also called Tic doulourex, means painful spasm, intense stabbing pain in sensory distribution of trigeminal nerve (middle face), lower mandible
  • Compression of trigeminal nerve and basilar artery
  • TN, herpes, tumor compression, multiple sclerosis
  • Occasional twinges of mild pain with facial flushing
    • Pain feels like electric shock
  • Spontaneous attacks of pain or attacked by touching the face, chewing, shaving and brushing of teeth, eating, talking, strombing the face, makeup, smiling and washing the face

Management:-

  • Phenytoin sodium (300-400 mg/day) Sodium Valproic acid (800-1200 mg/day)
  • Clonazepam (0.5-3 mg/day)
  • Gabapentin (300-900 mg/day)
  • Carbamazepine (600-1200 mg/day)
  • Capsaicin local application
  • Microvascular decompression (MVD)
  • BALLOON compression