निदान :-
अधिक जल पी लेना विषम भोजन करना संयोग विरूद्ध भोजन करना अधारणीय वेगाे को धारण करना निद्रा सही से न लेना दिन में सोना व रात्रि में जागना इर्षा, भय, क्रोध, लोभ, रोग, दीनता से पीड़ित
भेद :-
दोष भेद आचार्य माधव निदान आम अजीर्ण कफ सुश्रुत + विदग्धाजीर्ण पित्त सुश्रुत + विष्टब्धाजीर्ण वात सुश्रुत + रसशेषाजीर्ण कतिपय + दिनपाकी अन्य + प्राकृत अन्य +
लक्षण :-
भेद लक्षण आम अजीर्ण शरीर में भारीपन, उत्क्लेश, गला व आंखो के चारो तरफ सूजन, भोजन करते ही खट्टापन के बिना डकार आ जाता है विदग्धाजीर्ण मूर्च्छा, चक्कर आना, तृष्णा, पीड़ा, खट्टी डकारों का आना व उसके साथ में मुख से धुआं निकलना, पसीना होना, दाह, भ्रम, विष्टब्धाजीर्ण शूल , अफरा, वात पीड़ा, मल व आपान वायु निकलने में कठिनाई, शरीर में जकड़न, मूर्च्छा, शरीर में पीड़ा, इसमें अन्न उदर में पड़ा रहता हैरसशेषाजीर्ण अरुचि, हृदय में भारीपन व अशुद्ध जैसा लगना
उपद्रव :-
मूर्च्छा प्रलाप वमन मुख से लार निकलना शरीर में भारीपन
अन्य रोगों का कारण :-
विसुचिका – आम अजीर्ण से अलसक – विष्टब्धाजीर्ण विलंभिका रोग – विदग्धाजीर्ण से
चिकित्सा :-
भेद चिकित्सा आम अजीर्ण लंघन, धनियां व सोंठ से सिद्ध जल सेवन विदग्धाजीर्ण वमन , शीतल जल सेवनविष्टब्धाजीर्ण स्वेदन, सैंधव लवन युक्त जल रसशेषाजीर्ण उपवास
अजीर्ण मुक्ति के लक्षण :-
शुद्ध डकार आना उचित रूप से मल मूत्र का आना शरीर में हल्कापन भूख का लगना
**अगर आपको पता है कि आपने क्या अधिक खाया है तो आप उसके कारण उत्पन्न अजीर्ण (Ajeerna) को आचार्य काशिनाथ द्वारा वर्णित अजीर्णामृत मंजरी में वर्णित उपायों के द्वारा ठीक कर सकते है, उसके बारे में जानने के लिए यहां click करे।
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4 replies on “Ajeerna Nidana ( अजीर्ण निदान ) : भेद, लक्षण, चिकित्सा”
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Mam from our point both English and Hindi are equally important, students in north India prefer hindi where as students in South India prefer English
So work on both we are working English as well as Hindi.
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[…] के कार्यों को बढ़ाता है, अग्निमांद्य, अजीर्ण आदि रोगों का ह्यास करता है। थायराइड […]