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Astang Hridya Sushrut Samhita

Raktmokshan / Medicinal Leech Therapy in Ayurveda

Raktmokshan / Leech Therapy = सुख से जीवन यापन करने वालों (सुकुमारों) का रक्तस्रावण करने के लिए जोकों का प्रयोग करना चाहिए। त्याज्य जोकों का वर्णन :– जो जोंकें दूषित जल में। अथवा मछली, मेंढक, साँप आदि प्राणियों के शवों की सड़न से अथवा उनके मल-मूत्रमिश्रित कीचड़ में से पैदा होती हैं। जो लाल, सफेद, […]

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Ras Shastra

Jarana Sanskar ( जारणा संस्कार ) – Ras Shastra

परिभाषा— पारद में गालन, पातन आदि प्रक्रियाओं के बिना ही बालुका यन्त्र, जारणा यन्त्र आदि यंत्रों के द्वारा गन्धक, अभ्रक, माक्षिक, स्वर्ण, रत्न, आदि द्रव्यों का जारण करने के पश्चात भी पारद के भार या स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं हो, उसे जारणा (Jarana) कहते हैं। Types:- जारणा ⬇ 1)भूचरी 2) खेचरी (रत्नों का जारण) […]

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Kankushth ( कंकुष्ठ ) Ruhbarb : Upras Varg

नाम:- संस्कृत कड्कुष्ठम् हिंदी कंकुष्ठ english Gambose tree (ruhbarb) latin Garcinia morella पर्याय:- तालकुष्ठ, रेचक, हेमवती, काककंकुष्ठ। Habitat:- Singapore, Malaysia, Indonesia. Types:- 2 प्रकार:- (1) नलिका कंकुष्ठ (2) रेणुक कंकुष्ठ (1) नलिका कंकुष्ठः– पीतवर्ण, चमकदार, स्निग्ध, भारी श्रेष्ठ होता है। (2) रेणुक कंकुष्ठः– यह श्यामपीतवर्ण, लघु, नि:सत्व एवं अनुपयोगी होता है। कंकुष्ठ शोधनः- कंकुष्ठ में […]

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Swasthavrit Yoga

Surya Namaskar (सूर्य नमस्कार) – Sun Salutation

“तं विद्यात् दुःख संयोगो वियोगं योग संजितम्। ” (भगवद्गीता) 6/23।। सभी प्रकार के (शारीरिक एवं मानसिक) वेदना के सम्बन्ध से विमुक्त होना ही योग कहलाता है। ◆ जब पुरुष अपने मन, बुद्धि , इन्द्रियों की चंचलता को स्थिर कर लेता है, तब वह व्यक्ति इस संसार के व्यामोह से उत्पन्न होने वाले सभी प्रकार के […]

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Bhujangasana (भुजंगासन / सर्पासन ) -Cobra pose

फन उठाये हुए कृष्णसर्प के समान आकृति बनने से इसे भुजङ्गासन या सर्पासन कहा गया है। स्थिति- अधोमुख तानासन। विधि :– 1.पेट के बल लेट कर, हाथ और पैर लम्बे करके जमीन पर टिका हुये रहे। 2. पश्चात् दोनों हाथों की कुहनियाँ को मोड़कर अंगुलियों को कन्धे के पास रखें। 3 .धीरे-धीरे ठुड्डी को ऊपर उठाते […]

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Gomukhasana ( गोमुखासन )- Cow’s Face Pose

इस आसन में आसनाभ्यासी का शरीर गाय मुख सदृश लगने लगता है अत: इसको गोमुखासन (Cow’s face posture) कहते हैं। विधि :- ★दोनों पैरों को सामने की तरफ फैला कर बैठ जाते हैं फिर बायें पैर को मोड़कर इस प्रकार रखते हैं कि बायें पैर की ऐडी दायीं नितम्ब के नीचे आ जाय। ★ पुनः […]

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Matsyasna ( मतस्यासन् ) – Fish Pose, its indications

◆शरीर मछली की भाँति जल में तैरने से ही इसे मत्स्यासन कहा गया है। स्थिति – उत्तान तानासन। विधि ;– 1, उतान ताड़ासन की स्थिति से। 2. दाहिने पैर को बायीं जाँघ पर और बाएँ पैर को दाहिनी जाँघ पर रखें इस प्रकार यहाँ पद्मासन जैसी स्थिति बन जाती है। 3 .दोनों हाथों से सहारा […]

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Anjana (अञ्जन )-collyrium : उपरस, Types and Properties

नाम:- संस्कृत अञ्जनम् हिंदी अञ्जन english collyrium पर्याय:- मेचक, लोचक, अञ्जन। सौवीराञ्जनः- कृष्णाञ्जन, सौवीर, सुवीरज, कालाञ्जन। स्रोतोञ्जनः- स्रोतोज, यामुनेय, यामुन/। नीलाञ्जन- लौहमार्दवकर, वारिसम्भव, शक्रभूमिज, सुवर्ण घ्न। पुष्पाञ्जनः- कुसुमाञ्जन, कौस्तुभ, रीतिपुष्पक, पुष्यकेतु, रीतिज। रसाञ्जनः- दावीक्वाथभव, बालभैषज्य, रसोद्भव, रसगर्भ, रसाग्रज। अञ्जन प्राप्ति स्थान: (1) सौवीराञ्जन:- झारखण्ड के सिंहभूमि जिला। (2) स्रोतोञ्जन:- अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बोर्नियो, मसाला, नेपाल, भारत […]

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Manah Shila (मनःशिला) – Realgar : उपरस वर्ग

नाम:- ससंस्कृत मनःशिला हिंदी मैनसिल english red arsenic or realgar Chemical formula:- As2S2 (arsenic disulphide) काठिन्य- 1.5-2 पर्याय:- मनःशिला, रोग शिला, शिला, नेपाली, मनोज गुप्ता, मनोज्ञा, मनोद्धा, नागजिद्धिका, ●कुनटी, ●कुलटी, गोला, नागमाता, कल्याणिका और रसनेत्रिका। प्राप्ति स्थान- नेपाल, चीन, भारत के कुमाऊँ एवं चित्राल क्षेत्र, स्पेन एवं यूनान में। Types:- रसरत्नसमुच्चय कार ने मनःशिला के […]

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Shilajeet (शिलाजतु)- Mineral Pitch : Maha Ras Vargh

नाम:- संस्कृत शिलाजतु हिंदी शिलाजीत, शिलाजतु English black bitumen or mineral pitch latin asphaltum punjabinum पर्याय:- शिलाजतु, शिलाज, अद्रिज , शैलेय,, शिलास्वेद , अश्मोत्थ। शिलाजतु भेदः- रसग्रन्थों में गन्ध के आधार पर शिलाजतु के दो भेद माने है। यथाः- (1) गोमूत्र गन्धि 2) कर्पूर गन्धि । गोमूत्र गाँधी शिलाजीत के दो भेद हैं:- 1.ससत्व 2.निस्तव […]