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Mandoor ( मण्डूर ) – Iron Oxide : Dhatu Vargha

नाम:- संस्कृत मण्डूर हिंदी मण्डूर, लौहोच्छिष्ट पर्याय:- किट्ट लौहभव लौहमल मण्डूर मण्डूर परिचय:- ★जब लम्बे समय तक लौह खुले वातावरण में जल, धूप, और हवा के सम्पर्क से जंग युक्त हो जाता है तो ऐसे लौह को गर्मकर पीटकर जंग खाया हुआ भाग पृथक् कर लेते हैं। इसे लौह किट्ट कहते हैं। भेद एवं लक्षण:- […]

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Loha ( लौह ) – Iron / Ferrum : Dhatu Vargha

नाम:- संस्कृत अयस् हिन्दी लौह English Iron Latin Ferrum पर्याय:- अयस्, शस्त्रलौह, सारलौह, तीक्ष्णक, आयस्। उत्पत्ति:- पौराणिक मान्यता के अनुसार साक्षात् काल मूर्ति यमराज अथवा देवता-दानवों के युद्ध में लोहासुर दैत्य का अंग कटकर पृथ्वी पर जहाँ-जहाँ पर गिरा, वहाँ-वहाँ पर लोहे (Loha) की उत्पत्ति हुई। लोहे के प्रधान खनिज:- गैरिक – (Red hematite : […]

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Tamra ( ताम्र ) – Copper : Dhatu Vargha

नाम:- संस्कृत ताम्र हिंदी तांबा English copper Latin cuprum Symbol Cu पर्याय:- ताम्र, शुल्व, म्लेच्छवक्त्र, नेपालीय, उदुम्बर, अम्बक उत्पत्ति :- ताम्र (Tamra) की उत्पत्ति “सूर्य” से हुई है। (रसकामधेनु) ताम्र के खनिज:- प्रकृति में ताम्र (Tamra) मुक्तावस्था एवं युक्तावस्था दोनों रूपों में प्राप्त होता है। मुक्त ताम्र अल्पमात्रा में अमेरिका एवं साइबेरिया आदि स्थानों पर […]

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Rajat ( रजत ) – Silver / Argentinum : Dhatu Vargha

नाम:- संस्कृत रौप्य हिंदी चाँदी English Silver(Ag) Latin Argentinum Atomic number= 47 Atomic mass= 107. 88 पर्याय:- रुचिर, तार, सौध, शुभ्रक, चन्द्रहास, चन्दरलौह, चन्द्रमा। उत्पत्ति :- आयुर्वेद प्रकाश – त्रिपुरासुर वध के लिए क्रोधवशात् खुले शिव के तृतीय नेत्र के अश्रु बिन्दु से रजत (Rajat) की उत्पत्ति बताया है। पौराणिक मान्यता अनुसार चन्द्रमा के शुक्र […]

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Swarn ( स्वर्ण ) – Gold : Dhatu Vargha

नाम:- संस्कृत सुवर्णम् हिंदी सोना English Gold symbol Au पर्याय:- स्वर्ण, हिरण्य, कल्याण, अग्निवर्ण, हेम, कनक , कौन्त, हाटक, चामीकर, चाम्पेय। सुवर्ण उत्तपति:- जल के साथ अग्नि के मैथुन से जो अग्नि का वीर्यरक्षण हुआ, उसी से सुवर्ण कि उत्तपति हुई। शिव के स्खलित वीर्य का पान अग्नि देव ने किया, किन्तु असह्य होने के […]

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धातु (Metal)

निरुक्ति:- “वलीपलितखालित्य कार्श्याबल्यजरामयान्। निवार्य दधते देहं नृणां तद्धातवो मताः।।” (आ. प्र. 3/2) अर्थात जिसके सेवन से शरीर में बली (झुर्रियां) पलित (बालों का सफेद होना), खालित्य (गंजापन), कृशता, निर्बलता, वृद्धावस्था और रोग नष्ट हो अथवा इन रोगों का नाश करके आरोग्यपूर्वक शरीर को धारण करें, उसे धातु कहते हैं। Nowadays , लौह एवं धातु दोनों […]

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Parad Bandh (पारद के बंध) with Trick to Learn

पारद के 25 बंध (Parad bandh) का वर्णन आयुर्वेद संहिताओं में मिलता है और उसके अलावा एक विशेष जलुका बंध जो की केवल स्त्री के उपयोग के लिए होता है। आज हम इसे याद करने के लिए ट्रिक बताएंगे जो कि इस प्रकार है :- Trick to Learn :- कल महान काजल दत्त और श्रृंखला […]

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Murdashankh (मुर्दाशंख) – Litharge: साधारण रस

नाम:- संस्कृत मृद्दारश्रृंगम् हिन्दी मुर्दाशंख English Litharge chemical name lead oxide chemical formula PbO पर्याय:- मृद्दारश्रृंगक, बोदारश्रृंग, मुर्दाशंख, मुद्राशंखक। इतिहासः- आठवीं शताब्दी के बाद के रसग्रन्थों में उसका उल्लेख मिलता है। प्राप्ति स्थान- राजस्थान में आबू पर्वतमाला, गुजरात, मध्यप्रदेश, झारखण्ड (बिहार) एवं विदेशों में वर्मा आदि देशों में मिलता है। परिचय:- combination of lead and […]

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Hingul ( हिंगुल ) – Cinnabar : साधारण रस

नाम:- संस्कृत हिंड्ंंगुल हिन्दी सिंगरफ English Cinnabar chemical name Red sulphidenof mercury chemical formula HgS पर्याय :- रक्त, म्लेच्छ, चित्राङ्ग, रञ्जन, हंसपाद, दरद। इतिहास:- कौटिल्य अर्थशास्त्र में हिंगुल का सर्वप्रथम उल्लेख मिलता है। परिचय:- Cinnabar स्वाभाविक और कृत्रिम दोनों रूपों में उपलब्ध होता है। प्राप्ति स्थान- स्पेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, चीन, जापान, रूस, अमेरिका तथा […]

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Giri Sindoor (गिरी सिन्दूर)- Red oxide of mercury : साधारण रस

नाम: – संस्कृत गिरिसिन्दूर हिन्दी गिरिसिन्दूर Chemical name Red oxide of mercury पर्याय:- सिन्दूर, गिरिसिन्दूर, महिलाभालभूषण, गणेशभूषण, माङ्गल्य, भालसौभाग्य, रक्तरेणु, नागगर्भ, नागज। इतिहास:- 8वीं शताब्दी के बाद के रसग्रन्थों में इसका उल्लेख मिलता है। प्राप्ति स्थान:- पर्वत से। परिचय:- बड़े बड़े पर्वतों के अंदर जो पारद शुष्क और रक्तवर्ण पदार्थ के स्वरूप में मिलता है, […]