Chitrak Haritaki is a very famous Ayurvedic medicine used in treating chronic respiratory conditions like Tuberculosis, Pneumonia, Common Cold, Cough, Bronchitis, Asthma etc.
चित्रकस्यामलक्याश्च गुडूच्या दशमूलजम् । शतं शतं रसं दत्त्वा पथ्याचूर्णाढकं गुडात् ॥२५॥ शतं पचेद् घनीभूते पलद्वादशकं क्षिपेत् । व्योषत्रिजातयोः क्षारात् पलार्द्धमपरेऽहनि ॥२६॥ प्रस्थार्द्धं मधुनो दत्त्वा यथाग्न्यद्यादतन्द्रितः । वृद्धयेऽग्ने क्षयं कासं पीनसं दुस्तरं कृमीन् । गुल्मोदावर्त्तदुर्नामश्वासान् हन्ति रसायनम् ॥२७॥ (च.द.)
घटक द्रव्य/ Ingredients:-
- चित्रकमूलक्वाथ / Decoction of Root of Plumbago zeylanica = 5 Litres
- आमलकीक्वाथ / Decoction of Emblica officinalis = 5 Litres
- गुडूचीक्वाथ / Decoction of Tinospora cordifolia = 5 Litres
- दशमूलक्वाथ / Decoction of Dashmool dravya = 5 Litres
- गुड़ / Jaggery = 5 kg
- हरीतकीचूर्ण / Powder of Terminalia chebula = 3 kg
- प्रक्षेप द्रव्य:
- सोंठ / Zingiber officinale = 187 ग्राम
- पीपर / Piper longum = 187 ग्राम
- मरिच / Piper nigrum = 187 ग्राम
- छोटी इलायची / Elettaria cardamomum = 187 ग्राम
- नाग केशर / Mesua ferrea = 187 ग्राम
- दालचीनी / Cinnamomum zeylanicum = 187 ग्राम
- तेजपात / Cinnamomum tamala= 187 ग्राम
- यवक्षार / Mixture of Potassium salts = 23 ग्राम
- मधु / Honey = 375 ग्राम
निर्माण विधि/ How to make Chitrak Haritaki:-
- चित्रक से दशमूल तक के सभी द्रव्यों को पृथक्-पृथक् यवकुट करें तथा चौगुना जल में क्वाथ करें। चौथाई शेष रहने पर छान लें।
- अब ताम्र के बड़े कलईदार पात्र में चारों क्वाथ मिलाकर पाक करें तथा उसमें 5 kg (किलो) गुड़ डालकर चासनी करें।
- जब दो तार की चासनी (अवलेह की चासनी) हो जाय तो परीक्षोपरान्त चूल्हे से पात्र को नीचे उतार लें और हरीतकीचूर्ण डालकर अच्छी तरह मिला लें।
- ततः प्रक्षेप द्रव्य में त्रिकटु आदि चूर्ण डालें तथा सावधानीपूर्वक ठीक से मिला लें।
- जब औषधि ठण्डी हो जाय तो 375 ग्राम मधु भी उसमें अच्छी तरह मिला लें।
- ततः काचपात्र में संग्रहीत करे।
मात्रा/ Dosage:-
3 से 12 gm (ग्राम); अवस्था, बल एवं अग्नि की मात्रानुसार प्रतिदिन (Everyday)
अनुपान:- गरम दूध से। गन्ध/ Smell:- गुड के पाक जैसी सुगन्ध। वर्ण/ Appearance:- गुडाभ। स्वाद/ Taste:- मधुर