अयः पलं गुग्गुलु मंत्र योज्य पलत्रयं व्योषपलानि पञ्च। पलानि चाष्टौ त्रिफलारजश्च कर्षं लिहन् यात्यमरत्वमेव ॥ ( रसचंद्रांशु ) ( भाव प्रकाश मध्यम रसायन ) ( भैषज्य रत्नावली रसायन )
द्रव्य :-
लौह भस्म (Calcined iron) | 1 पल ~ 40g |
शुद्ध गुग्गुलु (Commiphora wightii) | 3 पल ~ 120g |
त्रिफला चूर्ण (Terminalia chebula Terminalia bellirica Phyllanthus emblica) | 8 पल ~ 320g |
त्रिकटु चूर्ण (Zingiber officinale Piper nigrum Piper longum) | 5 पल ~ 200g |
विधि-
लौह भस्म, शुद्ध गुग्गुलु, त्रिफला चूर्ण व त्रिकटु चूर्ण को उपरोक्त प्रमाण में लेकर मिश्रण कर लें व कपड़छन चूर्ण कर लें।
◾मात्रा व अनुपान- इसे प्रतिदिन 1 तोला (10 ग्राम) की मात्रा शहद अथवा घृृत के साथ चाटेें।
इस गुग्गुलु का सेवन नियमित रूप से करने से अमरत्व की प्राप्ति होती है।