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Manikya ( माणिक्य ) : Ruby – Ratn Vargha

Name :-

संस्कृतमाणिक्यम्
हिन्दीमाणिक्य
EnglishRuby
Chemical FormulaAl2 O3

  • Hardness (काठिन्य)= 9
  • Relative density (आपेक्षिक घनत्व)= 4

पर्याय :-

  • माणिक्य
  • रंगमाणिक्य
  • रविरत्न
  • रविप्रिय
  • लोहित
  • शोण रत्न
  • कुरुविन्द

परिचय :-

Manikya
  • गुलाबी या रक्त वर्ण का
  • चमकदार (lustrous)
  • पारदर्शक (transparent)
  • कठोर पाषाण द्रव्य।

प्राप्ति स्थान :-

Sri Lanka, USA, Australia, Thailand, Kashmir, Karnataka.

Types :-

  1. पद्मराग माणिक्य= स्वच्छ, स्निग्ध, गुरु, रक्तकमल के जैसी जिसकी कान्ति हो, पानीदार, एक जैसी आकृति हो (समान आकृति), वह श्रेेष्ठ होता है।
  2. नीलगन्धि माणिक्य= जो गंगा नदी से उत्प्न्न हुआ, जो बाहर से लाल वर्ण अन्दर से नीला दिखता हो तथा अन्य लक्षण पद्मराग की तरह हो, वह भी श्रेष्ठ होता है।

ग्राह्य माणिक्य लक्षण :-

  • रक्तवर्ण (रक्तकमल के समान)
  • सुन्दर, चमकदार
  • स्निग्ध
  • भारी और एक समान आकृति हो।

अग्राह्य माणिक्य लक्षण :-

  1. अनेक छिद्र हो (छिद्रयुक्त)
  2. स्पर्श में खुरदरा
  3. मैला (मलिन)
  4. रुक्ष
  5. विशद (स्वच्छ)
  6. चिपटा
  7. हल्का
  8. टेढ़ा-मेढ़ा

इन 8 गुणों से युक्त माणिक्य (Manikya) ग्रहण नहीं करना चाहिए।

शोधन :-

दोला यन्त्र

नींबू स्वरस

1 प्रहर = 3 hours स्वेदन करने पर शुद्ध हो जाता है।

मारण :-

शुद्ध गन्धक + शुद्ध मनःशिला + हरताल in equal amount of शुद्ध माणिक्य (Manikya)

बड़हल स्वरस से मर्दन

टिकिया बना कर शराव सम्पुट कर

गजपुट में पाक करें, 8 बार करने से भस्म हो जाती है।

  • भस्म वर्ण= श्वेतवर्ण

माणिक्य पिष्टी :-

शुद्ध माणिक्य ➡ सूक्ष्म चूर्ण ➡ सिमाक पत्थर के खल्व में रखकर गुलाब जल से भावना ➡ 3-4 days तक ➡ 6 घण्टे तक मर्दन करने पर पिष्ट हो जाता है।

पिष्टी गुण :-

  • दीपन
  • वृष्य
  • मेध्य
  • रसायन
  • रस -मधुर
  • वातपित्त नाशक ।

मात्रा :-

1/4 – 1/2 रत्ती

अनुपान :-

मधु

प्रमुख योग :-

  1. ब्राह्मी वटी
  2. मणि पर्पटी रस
  3. जवाहरमोहरा वटी
  4. नवर्तनराज मृङ्गाक रस

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