Name :-
संस्कृत | तार्क्ष्यम् |
हिन्दी | पन्ना |
English | Emerald |
- Hardness= 7.50
- Relative density= 2.71
- Chemical representation= Be3 Al2 (SiO3)6
पर्याय :-
- मरकत
- तार्क्ष्य
- गडमणि
- बुधरत्न
- हरिद्रत्न
- रौहिणेय
परिचय :-
- मरकत (Markat) हरे वर्ण का, चमक युक्त
- पारदर्शक और षट्कोणीय स्फटिक रूप का होता है।
प्राप्ति स्थान:-
- Asia
- Kashmir,
- Punjab
- Bihar
- Tamil nadu
- Australia
Types :-
On the basis of वर्ण-
- हरित पन्ना – श्रेष्ठ
- नील पन्ना – मध्यम
- श्वेत पन्ना – सामान्य
ग्राह्य पन्ना :-
इन 7 लक्षणों वाला पन्ना (Markat) ग्राह्य – (र.र .स.4 /21)
- हरे वर्ण
- गुरु
- स्निग्ध
- प्रकाश की किरणों को बिखेरने वाला, कान्तिमान
- मृदु
- चमकदार
- बड़े आकार वाला
अग्राह्य पन्ना :-
इन लक्षणों युक्त पन्ना (Markat) नहीं ग्रहण करना चाहिए- (र.र.स.4/22)
- कपिल वर्ण
- नील वर्ण
- पाण्डु वर्ण
- कृष्ण वर्ण
- मलिन
- चपटा
- टेढ़ा- मेढ़ा
- रुक्ष
- लघु
शोधन :-
दोला यन्त्र ➡ गोदुग्ध में 3 घण्टे तक ➡ स्वेदन करने पर शुद्ध।
मारण :-
शुद्ध पन्ना को ➡ लौहे के इमामदस्ते में कूटकर ➡ सूक्ष्म चूर्ण ➡ समान भाग में शुद्ध गन्धक + शुद्ध हरताल + शुद्ध मनःशिला ➡ लेकर खल्व में डाल➡ लकुच स्वरस से मर्दन कर टिकिया बनाये सूखने के बाद ➡ शराव सम्पुट कर गजपुट में पाक करें ➡ 8 पुट देने पर ➡ श्वेत वर्ण भस्म मिल जाती है।
मरकत पिष्टि :-
शुद्ध पन्ना को ➡ कूटकर सूक्ष्म चूर्ण कर ➡ सिमाक पत्थर खल्व में ➡ गुलाब जल डालकर ➡ 3 दिन तक 6 घण्टे तक मर्दन करने पर ➡ हरे वर्ण की पिष्टि हो जाती है।
पन्ना भस्म या पिष्टि मात्रा –
1/4 – 1 रत्ती ।
गुण :-
- रस – मधुर
- वीर्य – शीत
- ज्वर, छर्दि, विष, श्वास
- अर्श, पाण्डु, शोष रोग को दूर करता है।
- रुचिकार एवं पुष्टि कारक।
प्रमुख योग :-
- मणिपर्पटी रस
- ज्वाहरमोहरा वटी
- याकुती
- नवरत्नराजमृगाङ्गक रस
- रत्नभगोत्तर रस।