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Ras Shastra

Neelam ( नीलम ) : Sapphire – Ratn Vargha

Names :-

संस्कृतनीलम
हिन्दीनीलम
EnglishSapphire
  • Hardness (काठिन्य)= 9
  • Relative density (आपेक्षिक घनत्व)= 4
  • Chemical Formula= Al2 O3

पर्याय :-

  • नील
  • नीलरत्न
  • महानील
  • नीलाशम
  • शनिरत्न
  • सुनील
  • नीलोपल
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परिचय :-

Neelam
  • हीरे के बाद कठिनता में इसी का स्थान आता है।
  • शनिग्रह को प्रसन्न करता है।
  • धारण करने पर अनुकूल और प्रतिकूल दोनों फल मिलते हैं।
  • इसका वर्णन – वराहिमिहिर की बृहत्संहिता में मिलता है।

प्राप्ति स्थान :-

  • Srilanka
  • Jammu and Kashmir
  • Vijyanagar
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Types :-

1. इंद्रनील श्रेष्ठ : गुरु, कृष्णगर्भित नीलाभ
2. जलनीलश्रेष्ठतम : लघु, श्वेतगर्भित नीलाभ
जाति भेद से –
  1. ब्राह्मण नीलम
  2. क्षत्रीय
  3. वैश्य
  4. शूद्र
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वर्ण भेद से –

  1. श्वेत
  2. रक्त
  3. पीत
  4. कृष्ण वर्ण

आनन्दकार ने 11 रंगों से नील वर्ण को बताया है-

1. नील वृक्ष के जैसा नीलवर्ण
2. अपराजिता पुष्प जैसा नील वर्ण
3. लवलीपुष्प जैसा नीलवर्ण
4. नील कमल सदृश
5. अतसी पुष्प जैसा
6. चाषपक्षी के पंख जैसा
7. कृष्ण त्रिकर्णिकपुष्प जैसा
8. मयूर कण्ठ जैसा
9. भगवान शंकर के कण्ठ जैसा
10. भगवान विष्णु के शरीर जैसा
11. भृङ्ग राज पत्र जैसा।
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ग्राह्य नीलम लक्षण :-

इन 7 लक्षण वाला –

  1. समान वर्ण वाला
  2. गुरु
  3. स्निग्ध
  4. स्वच्छ
  5. गोल आकार
  6. स्पर्श में मृदु
  7. बीच में ज्योतियुक्त

अग्राह्य नीलम लक्षण :-

  1. आधे भाग में रक्तवर्ण
  2. और आधे में नील वर्ण
  3. अपारदर्शक
  4. रुक्ष, कोमल हो।
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नीलम परीक्षा :-

  • शरद पूर्णिमा या चैत्र पूर्णिमा की निरभ्र एवं स्वच्छ चांदनी में गौरवर्णा सुन्दर स्त्री को वस्त्रों से सुसज्जित कर ➡ दुग्धपूरित पात्र उसके हाथ में रखकर चन्द्रमा के सामने खड़ी करें।
  • एक अन्य पुरुष नीलम को हाथ में लेकर चांदनी के माध्यम से नीलम (Neelam) का प्रकाश उक्त दुग्ध पात्र पर डाले। ➡ यदि वह नीलम अपने प्रकाश से दुग्ध एवं स्त्री पर नीलाभ प्रकाश उत्पन्न करे, तो उसे उत्तम नीलम (Neelam) समझना चाहिए।

शोधन :-

दोला यन्त्र ➡ नीली स्वरस में 3 घण्टे स्वेदन ➡ शुद्ध नीलम।

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मारण :-

शुद्ध नीलम ➡ सूक्ष्म चूर्ण कर ➡ शुद्ध गन्धक + शुद्ध हरताल + शुद्ध मनःशिला ➡ एक खल्व में लकुच स्वरस की भावना ➡ टिकिया बनाये ➡ शराव सम्पुट कर ➡ गजपुट में पाक ➡ 8 बार पुट देने से श्वेत वर्ण भस्म हो जाती है।

नीलम पिष्टि :-

शुद्ध नीलम ➡ चूर्ण कर सिमाक पत्थर की खल्व में ➡ गुलाब जल डालकर ➡ 3 दिन तक मर्दन करने से पिष्टि हो जाती।

नीलम भस्म गुण :-

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भस्म और पिष्टि मात्रा :-

1/8 – 1 /2 रत्ती

अनुपान :-

मधु , मक्खन अदि द्रव्य।

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प्रमुख योग :-

  1. रत्नभगोत्तर रस
  2. राजमृगाङ्ग रस
  3. मणिपर्पटी रस
  4. नवर्तनराजमृगाङ्ग रस।

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