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Rajat ( रजत ) – Silver / Argentinum : Dhatu Vargha

नाम:- संस्कृत रौप्य हिंदी चाँदी English Silver(Ag) Latin Argentinum Atomic number= 47 Atomic mass= 107. 88 पर्याय:- रुचिर, तार, सौध, शुभ्रक, चन्द्रहास, चन्दरलौह, चन्द्रमा। उत्पत्ति :- आयुर्वेद प्रकाश – त्रिपुरासुर वध के लिए क्रोधवशात् खुले शिव के तृतीय नेत्र के अश्रु बिन्दु से रजत (Rajat) की उत्पत्ति बताया है। पौराणिक मान्यता अनुसार चन्द्रमा के शुक्र […]

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Swarn ( स्वर्ण ) – Gold : Dhatu Vargha

नाम:- संस्कृत सुवर्णम् हिंदी सोना English Gold symbol Au पर्याय:- स्वर्ण, हिरण्य, कल्याण, अग्निवर्ण, हेम, कनक , कौन्त, हाटक, चामीकर, चाम्पेय। सुवर्ण उत्तपति:- जल के साथ अग्नि के मैथुन से जो अग्नि का वीर्यरक्षण हुआ, उसी से सुवर्ण कि उत्तपति हुई। शिव के स्खलित वीर्य का पान अग्नि देव ने किया, किन्तु असह्य होने के […]

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Kasis (कासीस)- Ferrous Sulphate : UpRas Vargha

नाम:- संस्कृत कासीसम् हिन्दी कासीस English Ferrous sulphate chemical formula:- FeSO4 5H2O काठिन्य :- 2 Shape:- crystalline colour :वर्ण- हरितवर्ण पर्याय:- कासीस, पुष्पकासीस, काशीशक, पांशुक। इतिहास: (history-) in ancient times used as an ink . Habitat:– पंजाब, जर्मनी, स्पेन, झारखण्ड । भेद (types) :- रसतरंगिणीकार रसार्णवकार आनन्दकन्दकार रसरत्नसमुच्चय आयुर्वेदप्रकाशकार १.)चूर्णकासीस:शवेत ईषत्पीतवर्ण १)शुक्ल १)पीत १) बालुकासीस […]

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Phal vargha ( फलवर्गः )

तष्णादाहज्वरश्वासरक्तपित्तक्षतक्षयान्। वातपित्तमुदावर्त स्वरभेदं मदात्ययम् ।। १२५ ।।तिक्तास्यतामास्यशोषं कासं चाशु व्यपोहति। मट्टीका वाणी वृष्या मधुरा स्निग्ध शीतला || फल रस/गुण/कर्म 1.मुनक्का प्यास, दाह, ज्वर, श्वास, रक्तपित्त, उर क्षत, राजयक्ष्मा, वातविकार, पित्तविकार, दावत, स्वरभेद, मदात्यय, मुख का तीता होना, मुख का सूखना और खाँसी को शीघ्र दूर करता है।बबण, वीर्यवर्धक, रस में मधुर, स्निग्ध और शीतवीर्य होता […]

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Tail Vargha ( तैल वर्ग )

तैल वर्ग आयुर्वेद में अन्य द्रव्यों की तरह तैलप्रधान वानस्पति के द्रव्यों के तैल का भी विशेष उपयोग बताया गया है। व्याधिनाशक अनेक प्रकार के सिद्ध तैल तैयार किये जाते है तथा दैनिक जीवन में आहार उपयोगी तेल का आहार मे प्रयोग भी किया जाता है। प्रयोग में लाये जानेवाले तेल के ज्ञान की आवश्यकता […]

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Madhu vargha ( मधु वर्ग ) According to B.A.M.S syllabus

पर्याय :- मधु, माक्षिक, माधवीक,क्षोद्र सारघ, माध्वीक, वरटी वांत। गुण :- शीत, लघु, स्वादिष्ट, रुक्ष, ग्राही, नेत्र हितकर, अग्नि वर्धक, स्वर हितकर, व्रण शोधक व रोपक, सुकुमार कारक, सूक्ष्म, स्रोतस शोधक, मधुर कषाय रस युक्त, वर्ण कारक, मेद्य, वृष्य, विश्द, रोचक, योगवाही, वातकारक, कुष्ठ, अर्श, कास, पित्त कफ शामक, प्रमेह, कलांती, कृमि, मेद, तृष्णा, वमन, […]

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Ikshu vargha ( इक्षु वर्ग ) with Trick to Learn

इक्षु के भेद ट्रीक :- पर्याय :- इक्षु, असिपत्र, गुढमल, मधचतृण, भूरिरस, दी्घच्छदगुण :- रस मधुर, मधुर विपाक, स्निग्ध,गुरु, शीत वीर्य, रक्तपित्त शामक, बलकारक, वृष्य, कफकारक, मूत्रकारक भेद :- 13 पांडव वंश के भीम ने शत वर्ष पहले नेपाल के नील कौशिक और मनोगुप्त के दीर्घ सूची पत्र में लिखे कांड को कंतार में टपका […]

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Dhatu & Updhatu Vargha (धातु व उपधातु वर्ग)

धातु भेद :- सार लोह – सुवर्ण, रौप्यशुद्ध लोह – सुवर्ण , रौप्य,ताम्र,अयस्साधारण लोह – तीक्ष्ण लोह,ताम्रपुति लोह – नाग, वंग, यशदमिश्र लोह – कांसय,पित्तल,वर्तधातु धातुओं के सामान्य वर्ण स्वर्ण – पीतरौप्य – श्वेतताम्र – रक्तलोह – कृष्णवंग – शुक्लनाग – कृष्णपित्तल – पीतकांस्य – श्वेत धातू भस्मो के रंग :- सुवर्ण भस्म – पीत […]

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Lavan Vargha (लवण वर्ग) According to B.A.M.S.

लवण रस वीर्य योग गुण व कर्म सौवर्चल लवण लवण तीक्ष्ण,उष्ण शंखवटी, चंदनबलाअबलारस,व्रज शार कटु विपाकि,विशध ,रुचिकर,शूल ,अनाह, कृमिघ्न,गुल्म ,अजीर्ण,दीपन सैन्धव लवण लवण तीक्ष्ण हींगवाशटिक चुर्ण, पिप्पली आदिचूर्ण,पिप्पलिमूलआदि चूर्ण पित्त हर ,दीपन व पाचन ,नेत्ररोग, धातुओं की पुष्टी करना विड लवण लवण तीक्ष्ण,उष्ण लवणभास्कर चूर्ण, चित्रकाअदि वटी, शंखवटी,पिप्पलिमूलआदि चूर्ण तीक्ष्ण ,रूचिकर, दीपन ,उष्ण,गुल्म ,शूल ,पारद […]

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Dudh Vargha (दुग्ध वर्ग) for B.A.M.S. Syllabus

प्रस्तुत वर्ग का भावप्रकाश के आधार पर वर्णन किय है।जीवन को निरोग रखने के लिये जिसने पौष्टिक पदार्थ को और उनमें दूध भी प्रधान रूप से आवश्यक अंग है। गुण ●गुण दुग्ध मधुर सनी, वात तथा पित्तनाशक दस्तावरशौध जपन्न करनेवाला शीतल. सर्व प्राणियों के अनुकूल जी रूप पुरा खलनायक बुद्धि को उत्पन्न करने वाला, अत्यंत […]