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Ras Shastra

Pushparag ( पुष्पराग ) : पुखराज, Topaz – Ratn vargha

Names :-

संस्कृतपुष्परागः
हिन्दीपुखराज
EnglishTopaz
  • Hardness= 8
  • Relative density= 3.53
  • Chemical formula= Al (F OH)2 SiO4

पर्याय :-

  • पुष्पराग
  • पीतरक्त
  • गुरुरत्न
  • गुरुवल्लभ
  • मंजुमणि
  • पुष्पराज
  • वाचस्पतिवल्लभः

परिचय :-

Pushparag
  • पुष्पराग (Pushparag) चार कोण वाला (चतुष्कोण )
  • वर्ण= स्वर्ण जैसे पीतवर्ण
  • पारदर्शक और स्पर्श में स्निग्ध ।
  • ग्रह प्रभाव– गुरु ग्रह।

प्राप्ति स्थान :-

  • Japan
  • Sri lanka
  • Brazil
  • Himalaya
  • Asia

Types :-

According to YuktiKalptaru (युक्तिकल्पतरु):-

  1. पद्ममरगवत्
  2. मरकत वत्

4 types:-

  1. पीत पुखराज
  2. पाण्डु पुखराज
  3. श्वेत पुखराज
  4. गुलाबी पुखराज

ग्राह्य पुष्पराग :-

  • गुरु
  • स्निग्ध
  • स्वच्छ
  • स्थूल
  • मृदु
  • मसृण (मुलायम)
  • सम आकृति
  • कनेर पुष्प की आभा वाला

अग्राह्य पुखराज :-

  • रुक्ष
  • खुरदरा
  • प्रभा रहित
  • पीत-श्याम वर्ण
  • ऊँचा नीचा
  • कपिश वर्ण
  • कपिल
  • पाण्डु वर्ण

शोधन :-

दोला यन्त्र में

समान भाग कांजी और कुलत्थ क्वाथ मिश्रित द्रव डालकर

पुष्पराग को 3 घण्टे तक स्वेदन।

मारण :-

शुद्ध पुखराज (Pushparag) ➡ लौहे के इमामदस्ते में चूर्ण कर ➡ समान भाग शुद्ध गन्धक + शुद्ध हरताल + शुद्ध मनः शिला ➡ भावना – लकुच स्वरस की दे कर मर्दन ➡ टिकिया बनाकर सुखाएं ➡ शराव सम्पुट ➡ गजपुट में पाक ➡ 8 बार पुट देने से ➡ श्वेत वर्ण भस्म हो जाती है।

पुष्पराग पिष्टि:-

शुद्ध पुखराज ➡ चूर्ण कर ➡ सिमाक पत्थर के खल्व में ➡ गुलाब जल डालकर ➡ 3 दिन तक मर्दन कर ➡ सुखाने से पाण्डु वर्ण की पिष्टि हो जाती है।

भस्म की मात्रा :-

1/4 – 1 रत्ती।

भस्म गुण या पिष्टि गुण :-

  • शीतवीर्य
  • लघु गुण
  • दीपन
  • पाचन
  • आयुष्य
  • कफ-वात हर
  • दाह, कुष्ठ, अर्श रोग नाश करता है।

प्रमुख योग :-

Same as Emerald (पन्ना)-

  1. रत्नभागोत्तर रस
  2. मणिपर्पटी
  3. याकूती
  4. ज्वाहरमोहरा पिष्टि
  5. नवर्तनराजमृगांङ्क।

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