Name :-
संस्कृत | राजावर्तः |
हिन्दी | राजावर्त |
English | Lapis lazuli |
- Hardness:- 5.5
- Relative Density:- 2.38 – 2.45
- Chemical Formula:- Na4 (S3Al) Al2(SiO4)3
पर्याय :-
- आवर्त
- नृपोपल
- आवर्तमणि
- नृपावर्त
- राजावर्त
- नीलाशम
- राजन्यावर्त
परिचय :-
- गहरे नीलेवर्ण का चमकदार खनिज पाषाण है।
- Mineral is – Lasurite
- राजावर्त (Rajavart) असली है या नकली, इसके लिए पत्थर पर घिसने एवं पानी में डालने पर पता चल जाता है।
- नकली राजावर्त (Rajavart) पानी में घोलने पर पानी को और अधिक नीला कर देता है। जबकि असली को घिसकर पानी में घोलने से बैठा रहता है और पानी का रंग नही बदलता।
प्राप्ति स्थान :-
- Russia
- Germany
- Afghanistan
- Rajasthan
- Kashmir
Types of Rajavart :-
आकृति के आधार पर | वर्ण के आधार पर |
१.चूर्ण | १.रक्तवर्ण |
२.गुटिका | २.नीलवर्ण |
३.मिश्रित वर्ण |
ग्राह्य Rajavart :-
- गुरु
- स्निग्ध
- थोड़ा रक्त वर्ण के साथ नीलेवर्ण लिए हुए चमकदार राजावर्त श्रेष्ठ।
शोधन :-
- नींबू स्वरस + गोमूत्र + यवक्षार या
- शिरीषपुष्प स्वरस + आर्द्रक स्वरस के मिश्रण द्वारा
- राजावर्त (Rajavart) के चूर्ण को 1-1 प्रहर तक
- 2-3 बार दोला यन्त्र विधि से स्वेदन करने पर शुद्ध हो जाता है।
मारण :-
शुद्ध राजावर्त का सूक्ष्म चूर्ण कर के ➡ सम भाग शुद्ध गन्धक मिला कर ➡ बिजौरा नींबू स्वरस से मर्दन करें ➡ टिकिया बनाकर सुखा कर ➡ शराव सम्पुट कर गजपुट की अग्नि में पाक करें ➡ 7 बार करने से भस्म हो जाती है।
Rajavart पिष्टि :-
शुद्ध राजावर्त के सूक्ष्म चूर्ण कर ➡ सिमाक पत्थर के खल्व में दाल कर ➡ गुलाब जल से 3 दिन तक मर्दन कर सुखाने पर राजावर्त (Rajavart) की पिष्टि हो जाती है।
भस्म और पिष्टि की मात्रा :-
1/2 – 1 रत्ती ।
अनुपान :-
मधु, घृत।
Rajavart के गुण :-
- रस – कटु, तिक्त
- वीर्य – शीत
- स्निग्ध
- दीपन, पाचन
- रसायन, विषघ्न
- कफ-पित्तनाशक
- प्रमेह, पाण्डु, अर्श, हिक्का और छर्दि आदि रोग को नष्ट करता है।
प्रमुख योग :-
- रामबाण रस
- मेहहर रस
- ताप्यादि वटी
- त्रैलोक्यतिलक रस
- भीमपराक्रम रस
2 replies on “Rajavart ( राजावर्त ) : Lapis Lazuli – Types, Uses”
[…] (Pairojak) का शोधन और मारण राजावर्त केे समान करना […]
मुझे ये राजावर्त भस्म चाहिए urgent
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