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Suryakant ( सूर्यकान्त ) : Sun stone – Upratn Vargha

Name :-

संस्कृतसूर्यकान्तः
हिन्दीसूर्यकान्त
EnglishSun stone
  • Hardness= 5.5 – 6
  • Relative Density= 2.65
  • Chemical Formula= Na2O3 Al2O3, 6SiO2 + CaO, Al2O3, 2SiO2

पर्याय :-

  • सूर्यकान्त
  • सूर्यमणि
  • सूर्योपल
  • ज्वलनोपल
  • रविकान्त
  • तपन
  • तपनमणि
  • वसु
  • अर्कोपल
  • अग्निगर्भ

परिचय :-

Suryakant
Suryakant
  • चरक संहिता में (च.चि.9/13 ) उल्लेख मिलता है।
  • यह श्वेतवर्ण का हल्का रक्तवर्ण लिए हुआ पाषाण है।
  • सूर्य ग्रह को प्रसन्न करता है।

प्राप्ति स्थान :-

  • वर्मा के मोगोल जिले
  • रूस के बाइकेल सरोवर के पास
  • नार्वे में इसका खनिज ओलिगोक्लेज अधिक मात्रा में मिलता है।

ग्राह्य सूर्यकान्त :-

  1. स्वच्छ
  2. स्निग्ध
  3. व्रणरहित
  4. फर्श पर घिसने पर विशेष निर्मल
  5. सूर्य किरणों के स्पर्श से अग्नि प्रज्वलित करने वाला।

सूर्यकान्त परीक्षा :-

जो मणि सूर्य किरणों के स्पर्श से अग्नि उत्प्न्न करे, कागज को, रुई को जला दे श्रेष्ठ होता है।

शोधन :-

दोला यन्त्र ➡ क्षार और अम्ल द्रवों से ➡3 घण्टे तक स्वेदन ➡ सूर्यकान्त (Suryakant) शुद्ध।

मारण :-

सूर्यकान्त (Suryakant) को कूटकर सूक्ष्म चूर्ण कर ➡ सिमाक पत्थर के खल्व में शुद्ध मनःशिला + शुद्ध गन्धक ➡ जल से मर्दन करें ➡ टिकिया बना कर शराव सम्पुट कर गजपुट पाक करें ➡ 7 बार पूत देने से भस्म बन जाती।

भस्म मात्रा :-

1/4 – 1 रत्ती

अनुपान :-

मधु

भस्म गुण :-

  1. उष्ण
  2. मेध्य
  3. कफ-वात नाशक
  4. रसायन

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