नाम :- संस्कृत वर्तलौहम् हिन्दी भरित English Bronze पर्याय :- पञ्चलौह वर्त भर्त पञ्चरस वर्तुल History :- इसका वर्णन 13 वीं शताब्दी से मिलता है। चिकित्सा में विशेष महत्व नहीं है। परिचय :- श्वेतवर्ण का धातु है। शोधन :- तैल तक्रादि से शोधित वर्तलौह (Vartloha) को तपा कर अजामूत्र (बकरी) में बुझाने से शुद्ध हो […]
