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Dravya Guna

Mishrak Varghikaran ( मिश्रक वर्गीकरण ) औद्भीद, जांगम व पार्थिव गण

औद्भिद द्रव्य गण विवेचन – (1) विविध पञ्चमूल – महर्षि सुश्रुत ने पञ्च (पांच) पञ्चमूलों का वर्णन किया है।इसके अंतर्गत लघु पञ्चमूल, बृहत् पञ्चमूल, वल्ली पञ्चमूल, कण्टक पञ्चमूल और तृण पञ्चमूल आते हैं। (क) लघु पंचमूल घटक द्रव्य – शालपर्णी, पृश्निपर्णी, वार्ता की ( बृहती), कंटकारी और गोक्षुर। (ख) बृहत पंचमूल घटक द्रव्य – बिल्व, […]