नस्य (Nasya) शब्द निष्पत्ति :- भावप्रकाश ने नासा मार्ग से औषध ग्रहण करने को नस्य (Nasya) कहा है। अरुण दत्त के द्वारा कहा गया है कि नासिका से नस्य दिया जाता है। ‘नस्य’ शब्द का अर्थ है – जो नासा (नाक) के लिए हितकारी है। उर्ध्वजत्रुविकारेषु विशेषान्नस्यमिष्यते। नासा ही शिरसो द्वारं तेन तद्व्याप्य हन्ति तान्। […]
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1. स्वेदन ◾ स्वेदन के योग्य – As we know, steaming cures cold so including- कास, प्रतिश्याय, हिक्का, श्वास (प्राणवह स्त्रोतस), अंग गौरव, गुरूता, स्तम्भ, सुप्रिया, शैत्य, सर्वांगजाडय। स्वेदन gives relief in शूल – कर्णशूल, मन्याशूल, शिरः शूल, जानुशूल, उरुशूल, जंघा शूल, कुक्षिशूल, अंगशूल। It gives relief in वात व्याधि – अर्दित, गृध्रसी, एकांगवात, सर्वांगवात, […]
1. वमन ◾सम्यग योग लक्षण – क्रमात कफः पित्तमथानिलश्च यस्यैति सम्यक् वमितः स इष्टः। हत्पा्श्वमर्धेन्द्रियमार्गशुद्धौ तथा लघुत्वेऽपि च लक्ष्यमाणे॥ (च. सि. 1/15) निर्विबंध प्रवर्तन्ते कफपित्तानिला क्रमात्। सम्यग् योगे। (अ.ह.सू. 18/25) पित्ते कफस्यानुसुखं प्रवृत्ते शुद्धेषु हत्कंठ शिरः सु चापि। लघौ च देहे कफसंस्रवे च स्थिते सुवान्तं पुरुषं व्यवस्येत्।। (सु. चि. 33/9) सम्यक् वमन में क्रम से […]