★ इस निघण्टु (Dhanvantari Nighantu) के रचियता ने भगवान धन्वंतरि को आदिदेव और आयुर्वेद के उपदेष्टा मानकर इस ग्रन्थ का नामकरण ‘धन्वंतरि निघण्टु’ किया है। भगवान धन्वंतरि, इस ग्रन्थ के रचियता नहींं है। पूना की अनेक पांडुलिपियों में इसका कर्ता महेंद्र भोगिक लिखा है। वर्तमान में प्रचलित धन्वंतरि निघण्टु में “द्रव्यालि” नामक ग्रन्थ भी मिला […]
Month: January 2020
निघण्टु एक वैदिक शब्दकोष है।जिसमें वैदिक वाड्गंमय में आये गूढार्थ शब्दों के पर्यायों के द्वारा व्याख्या की गई है। भाव प्रकाश निघण्टु 1-Written by भाव मिश्र in 16वीं शताब्दी। 2 It is 3rd book among लघुत्र्रीय। 3-It is the bridge between mid evil period & modern period. 4- In संहिता portion, he has given its […]
आचार्य चरक ने केवल वात के भेदों का वर्णन किया था परंतु आचार्य भेल ने वात के साथ साथ पित्त के भी भेदों का वर्णन किया है परंतु वह वर्णन आजकल के पित्त के वर्णन से बिल्कुल अलग है। आचार्य सुश्रुत ने वात व पित्त दोनों के भेदों का वर्णन किया है व आचार्य वागभट्ट […]
लवण रस वीर्य योग गुण व कर्म सौवर्चल लवण लवण तीक्ष्ण,उष्ण शंखवटी, चंदनबलाअबलारस,व्रज शार कटु विपाकि,विशध ,रुचिकर,शूल ,अनाह, कृमिघ्न,गुल्म ,अजीर्ण,दीपन सैन्धव लवण लवण तीक्ष्ण हींगवाशटिक चुर्ण, पिप्पली आदिचूर्ण,पिप्पलिमूलआदि चूर्ण पित्त हर ,दीपन व पाचन ,नेत्ररोग, धातुओं की पुष्टी करना विड लवण लवण तीक्ष्ण,उष्ण लवणभास्कर चूर्ण, चित्रकाअदि वटी, शंखवटी,पिप्पलिमूलआदि चूर्ण तीक्ष्ण ,रूचिकर, दीपन ,उष्ण,गुल्म ,शूल ,पारद […]
Common Gynaecology day surgery cases- ◾Dilatation and curettage ◾Termination of pregnancy (D and E) ◾Biopsy procedures ◾Examination under anaesthesia◾ Endoscopic procedures like Diagnostic hysteroscopy, laparoscopy Laproscopic sterilisation operation Ovarian drilling diathermy Transcervical resection / ablation of endometrium Thermal Cauterisation Operation whereby the eroded area of the cervix is destroyed either by thermocoagulation or red hot […]
प्रस्तुत वर्ग का भावप्रकाश के आधार पर वर्णन किय है।जीवन को निरोग रखने के लिये जिसने पौष्टिक पदार्थ को और उनमें दूध भी प्रधान रूप से आवश्यक अंग है। गुण ●गुण दुग्ध मधुर सनी, वात तथा पित्तनाशक दस्तावरशौध जपन्न करनेवाला शीतल. सर्व प्राणियों के अनुकूल जी रूप पुरा खलनायक बुद्धि को उत्पन्न करने वाला, अत्यंत […]
वात के स्थान (vaat ke sthan):- वस्तिः पुरीषाधानं कटिः, सक्थिनी पादावस्थीनि च वातस्थानानि।तत्रापि पक्वाशयो विशेषेण वातस्थानम्।।(च० सू० 20/7)तत्र समासेन वातः श्रोणि गुड संश्रयः ।।( Su. Sa. Su 21/7)पक्वाशयः कटिसक्यिश्रोत्रास्थिस्पर्शनेन्द्रियम्।स्थानं वातस्य, तत्रापि पक्वाधान विशेषतः ।।(As. Hr. Su. 12/1) चरक संहिता सुश्रुत संहिता अष्टांग हृदय वस्ति गुद पक्वाशय पुरिषाधान श्रोणि कटि कटि(pelvic region) – सक्थि सक्थिनी(जँघा) – […]
अग्निः सोमो वायुः सत्त्वं रजस्तमः पञ्चेन्द्रियाणि भूतात्मेति प्राणाः ।। ३ ।। अग्नि, सोम, वायु, सत्व, रज, तम, पांच इन्द्रियाँ (ज्ञानेन्द्रियाँ) और भूतात्मा (जीवात्मा) ये प्राण हैं।यहां पर 12 प्राणों के बारे में बताया है । तस्य खल्वेवं प्रवृत्तस्य शुक्रशोणितस्या-(क्वचित् ‘शुक्रशोणितस्य’ पाठो न विद्यते) भिपच्यमानस्ययेव सन्तानिकाः सप्त त्वचा-(घट्ट त्वचा ‘पा.’) भवन्ति । तासां प्रथमा वभासिनी नाम, […]
औद्भिद द्रव्य गण विवेचन – (1) विविध पञ्चमूल – महर्षि सुश्रुत ने पञ्च (पांच) पञ्चमूलों का वर्णन किया है।इसके अंतर्गत लघु पञ्चमूल, बृहत् पञ्चमूल, वल्ली पञ्चमूल, कण्टक पञ्चमूल और तृण पञ्चमूल आते हैं। (क) लघु पंचमूल घटक द्रव्य – शालपर्णी, पृश्निपर्णी, वार्ता की ( बृहती), कंटकारी और गोक्षुर। (ख) बृहत पंचमूल घटक द्रव्य – बिल्व, […]
BOTANICAL NAME: Emblica officinalis FAMILY: Euphorbiaceae ENGLISH NAME: Indian gooseberry SANSKRIT NAME: आमलक पर्याय : आमलकी, अमृता,धात्री, तिष्यफला, वृष्या, जातीफलरसा, शिवा, आमला, आँवले आदि। Comparative review name:- Name भाव प्रकाश Dhanvantri मदनपाल राज कैदेव चंदु वेद आमलकी * * * * वय स्था * * * * * वृष्या * * * जातीफलरसा * * […]