AFTER READING MUTRA PARIKSHA, READ COMMONLY USED MEDICAL TESTS. ‘नाड्या मूत्राशय जिह्वायां लक्षणं यो न विन्दते।मारयत्याशु वै जन्तून् स वैद्यो न यशो लभेत्।। (योग चिंतामणि) अर्थात् :- जो वैद्य नाड़ी, मूत्र, जिह्वा के लक्षणों को नहीं जानता, वह कभी भी यश का भागी नहीं होता। अष्ठ विध परीक्षा में नाड़ी परीक्षा के बाद में मूत्र […]
Month: February 2020
AFTER READING SHODHAN OF VARIOUS AYURVEDIC DRAVYA , READ VAIKRANT. क्षीराज्ये गन्धकं शुद्धयेत्तालं कूष्माण्डजैवैः।आरनालेन तुत्थं तु जम्बीराम्ले मनश्शिला॥मयूरतुत्थं लुङ्गाम्ले गोमूत्रेण विषं हरेत्।दन्तिबीजानि पयसा कुलुत्थेन तु माक्षिकम्॥अजामूत्रेण वैक्रान्तं टङ्कणं काञ्जिकेन तु।जम्बीराम्लेन धुत्तुरं दरदं तेन शुद्ध्यति।।तीक्ष्णं गोमूत्रकैः शुध्येन्मुण्डकं त्रिफलारसैः।कृष्णेऽरिमेदोजम्बूत्वग्रसैर्धात्रीफलस्य च॥आतपे शोषयित्वा चाप्ययो वारितरं भवेत्।गैरिकं तु गवां दुग्धे भावितं शुद्धमुच्यते।अञ्जनानि विशुद्धयन्ति भृङ्गस्वरससेचनात्॥नरमूत्रे चाखुविषं पचेदोलाख्ययन्त्रके।याममात्रं विशोष्याथ गोक्षारे भावितं शुचिः॥गोरीपाषाणकं […]
AFTER READING PRATIVISH, READ MRIT SANJEEVNI VIDYA ऊडुगगन्नेर्लकोगिगरकायलु। पोत्तिगहुयुसोंटिपोंदुमीरु॥ जेडिगिंजदलंपजलगिमोदुगुपुब्ब।धरजेंडुपालकुदंगेडाकु॥मुसिडिकिनेरेडु मोगिलिचेक्कयुबोदु।गर्पूरमुनकुनुगलगसकु।।नेरेडुपंड्लकुनेरिदुग्धमाबकु।नुसिरिकपप्पुदानुचितमगुनु।।देनकाज्यमुनकुधीरतनुदकंबु।निक्कदमलमुनजिंतपंडु॥ताकिनजीडिकिदगदूलकोविल।युम्मत्तवेरिंदानुडुगुविधमु॥तामरचूर्णमुतबुल्लपाविलि। परगनाक्षणमुनबञ्चिकडुगु।।तिंत्रिणीफलमुनदिलंकिंपबसपुनु।बेरुगुकुवेन्नीळ्ळुपेट्टमेलु॥मामिडिजीडिकिमहिनारिकडपाकु।स्थिरमुसुन्नमुनकुदिप्पतींगे।तेलिकपिडिकिनूनतेटयटुकुलकु।सैन्धवलवणंबुसरसमगुनु।सोंटिपिप्पळ्ळकुसोरिदिमिर्यालकु।ग्रूलाटिकडुगुनुग्रोलगुणमु॥कडगियनुमुलकेल्लगंधंबुसिद्धंबु।दूलिंपदेगडकुदुम्भचेक्छ।।पेसलुबेल्लमुनकुबसचल्लगुम्मडि।यरुगनिकूटिकिनावयंड्र॥नुनयिंगुवकोप्पुगानगेत्तकिरसं।बडविवीरकुमुस्तलमरियुंडु।।वत्सनाभुलकेल्लवरुसतो नाचिरि।वेसजेतरासिकिविरिगिनार॥कंदकुदमलपाकंदमैविलसिल्लु।बनसपंटिकिसोंटिबागुनौनु॥गनकबीजमुलकुगडुनिम्मरसमुनु।जीलकरनिडुंडुचेन्रमीर ॥गडुनिम्मपंड्लकुखर्जूरफलमुलु।पोसगसुन्नमुनकुबसपुशुद्धि।नारिकेल मुनकुनलवरिविय्यंबु।।मोनसिनुव्वुलकेल्लमोगलिरसमु।जिल्लेडुपालकुजेंचलिनीलाकु॥पाषाणमुलकेलबत्तिगिंज।नल्लमंदुकुसोटियलंबुसिद्धबु।।वलुरक्कसिकिनेल्लनुलिमिढाकु।नेतिकिबुलिचेल्लनेपुतो संधिल्ल॥ जलकुद्रागुडु जिल्लगिंज।लनुचुनुग्रविषंबुलनवनिनडुचु॥जेलगुचुनुनिर्विषंबुलजेप्पिरिट्लु।सिद्धसारंबुलुंदुदाजेलुवमैन । वैद्यशास्त्रंबुलंदुलवरुसदेलिसि।। *** यहां पर बताएं गए प्रतिविष (Prativish) का प्रयोग की विकार जनक अवस्था अशुद्ध, अमात्रा, अधिकता अवस्था में प्रयोग के लिए बताया गया है। विष प्रति विष / निवारण करता करवीर विष हरितकि, पुत्तिकंद, शंठी […]
AFTER READING VAIKRANT, READ PARAD. नाम :- संस्कृत =वैक्रान्त हिंदी =वैक्रान्त English =Tourmaline ●विशिष्ट गुरुत्व = 3-3.2 ●काठिन्य = 7-7.5 Chemical formula = K2OAl2O3. 6SiO2 Synonyms / पर्याय :- वैक्रान्त, विक्रांत, जीर्णवज्रक, कुवज्रक, क्षुद्रकुलिश एवं चूर्णवज्र। इतिहास :- सर्वप्रथम कौटिल्य अर्थशास्त्र में वैकृंतक धातु के नाम से इसका उल्लेख मिलता है। कौटिल्य अर्थशास्त्र के 33 […]
AFTER READING MEDICAL TEST AND VALUE, READ MUTRA PARIKSHA. CBC (Complete Blood Test) :- Field Defination Normal Value Hb (Hemoglobin) Protein present inside blood which holds oxygen and carbon dioxide Men: 14- 17 gm/dl Women: 12-15 gm/dl TLC (Total Leukocyte Count) Cells of Immune system helps us protect from infection 4000-11000 cells/mcL RBC (Red Blood […]
विष नाशक मंत्र व आयुर्वेद में वर्णन :- चरक संहिता के 23 वे विष चिकित्सा अध्याय में 24 उपकर्म ( चिकित्सा के साधन ) का वर्णन करते वक्त आचार्य ने सर्व प्रथम मंत्र का उपदेश दिया है और बताया है कि मंत्र का प्रभाव अविचार्निय है और सबसे अच्छा है( मंत्र प्रभाव से काम करता […]
History :- मृत संजीवनी विद्या की शुरूवात भगवान शिव से हुई थी उन्होंने इस विद्या का उपयोग अपने पुत्र श्री गणेश पर किया था। जब वह लड़ाई में उनका शिर कट गया था तब उनके सिर पर गज राज का मस्तक लगाया था। उन्होंने इस विद्या को दैत्य गुरु शुक्राचार्य को दिया था (शिव जी […]
Botanical Name :- Piper longumFamily Name :- Piperaceae Verniculer Names :- हिंदी :- पीपली, पीपर उर्दू :- पिपल उड़िया :- बैदेही कोंकणी :- पीपली कन्नड़ :- हिप्पलीगुजराती :- पीपर, पिपरिमूलतेलुगु :- पिप्पलु तमिल :- तिपिली, पिप्पाली, Foreign Names :- English :- Indian long pepper, Dried catkins Arabian :- Darfulful, DalfilfilRoman :- Filfil daraz, Pipal daraz […]
रसगंधचत्रिकटुकं ग्रन्थिकं चव्यचित्रकम्। अमृतं लवणं तुल्यं भृङ्गस्वरसमर्दितम्॥ गुञ्जामात्राश्च वटिकाः पञ्चकासान्विनाशयेत्। अमृताङ्करसो नान्मा विंशतिश्लेष्मरोगजित्। अशीतिवातरोगांश्च नाशयेन्नात्र संशयः॥ Ingredients :- पारद, गंधक, त्रिकटु ( सोठ, मरीच, पीपली), ग्रंथि, चव्य, चित्रक, अमृत ( वत्सनाभ ), लवन ( संध्व ) सभी द्रव्यो को सम मात्रा में ले। Bhawna dravaya :- भृङ्गराज स्वरस Vidhi :- सभी द्रव्यो को चूर्ण करके […]
Parad ( पारद ) / Mercury : Ras
रसशास्त्र में रस शब्द से पारद (Parad) का ही ग्रहण किया जाता है। संस्कृत – पारदः हिंदी – पारा English – Mercury Latin – Hydrargirum Melting point= ( -35.87℃) Freezing point= (-)36℃ Atomic no.= 80 Mass no.= 200 Synonyms :- रस रसेन्द्र सूत पारद मिश्रक निरुक्ति :- 1. रस :- स्वर्णादि सभी धातुओं एवं अभ्रकादि […]