हिंगूलसम्भवं सूतं समं गन्धकं टङ्कणं तथा। तानं बर्ष माक्षिकं च सैन्धवं मरिचं तथा॥ सर्व समाहत्य द्विगुणं स्वर्णभस्मकम्। तदर्धं कान्तलौहं च रूप्यभस्मापि तत्समम्॥ एतत्सर्व विजूण्यंच धावयेत्कनकहवै। । शेफालीदलजै धापि दशमूलरसेन च ॥ किराततिक्तककाचैरिव्षवारे भावयेत्सुधीः भावयित्वा ततः कुर्याद्ुा्ादवयमितां वटीम्॥ अपाचे प्रयोक्ती जीरके मधुसंयुतम्। जीर्णज्वरं महाघोरं चिरकालसमुद्भवम्॥ অংমविधं हन्ति साध्यासाध्यमधापि वा। पृधग्दोपां श्च विविधान् समस्तान्विषमज्वरान्।। भेदोगले मांसगतमस्थिमज्जागते तथा […]
Month: April 2020
विषस्यैकं तथा भागं मरिचं पिप्पली कणा । गन्धकस्य तथा भागं भागं स्याट्टङ्कणस्य वै।। सर्वत्र समभागं स्याद्विभागं हिंगुलं भवेत्। जम्बीरस्य रसेनात्र भाव्यं हिंगुलशोधितम्॥ रसश्चेत्समभागं स्याद्धिंगुलं नेष्यते तदा। गोमूत्रशोधितं चात्र विषं सौरविशोधितम्॥ चूर्णयेत्खल्वमध्ये तु मुद्रमात्रां वटीं चरेत्। मधुना लेहना प्रोक्तं सर्वज्वरनिवृत्तये॥ दध्युदकानुपानेन वातज्वरनिबर्हणः। आईकस्वरसे पानं दारुणे सान्निपातिके॥ जम्बीररसयोगेन अजीर्णज्वरनाशनः। अजाजीगुडसंयुक्तो विषमज्वरनाशनः ॥ जीर्णज्वरे महाघोरे पुरुषे यौवनान्विते। पूर्णमात्रा […]
अर्धनारीश्वर रस प्रथम :- गौरी शिला हिंगुलमभ्रकं च तारं च तानं च बलिं च सूतम्। विषं च नेपालमदोत्कटं च वल्लीफलं कर्परिमैलतुत्थम्। सर्वं च चूर्णं शिखिमत्स्यपित्ते सम्भावयेत्त्वग्निभवेन्द्रवारिणा। हलाहलादन्ति च मज्जतोयैः दिनेन मधू परिभावशोषयेत्। अजोत्तरस्तस्य पयोमिलित्वा यामार्धवामाङ्गज्वरं निहन्यात्। अर्धं शरीरं वपुभव्यमन्ये महाद्भुतं वैद्यविवादकाले। तथामजो दक्षिणदुग्धमिश्रे उभे च पक्षागतये ज्वरं हरेत्। कथित ह्राजनाथेन रहस्यं चित्रकारिणा॥ अर्धनारीश्वरो नाम रसः […]
वसंत ऋतु आदनकाल की ऋतु है। इस ऋतु में गर्मी पड़ना शुरू होती है और इस ऋतु में सूर्य की गर्मी की वजह से पहले का सिंचित कफ पिघलने लगा जाता है और इसी वजह से इस मौसम में कफ के रोग अधिक देखे जाते है जैसे कास, जुखाम आदि। पर्याय:- पुष्प समय, सुरभि (शब्द […]
HISTORY OF X-RAYS X-rays were discovered accidentally on the 8th of November 1895, by Wilhelm Conrad Roentgen. Roentgen was a German physicist from the University Wurzburg. He was engaged in studying the behavior of an electron beam as it passed through a vacuumized tube to strike a tungsten plate. To his surprise, he observed that, […]
नाम:- ससंस्कृत मनःशिला हिंदी मैनसिल english red arsenic or realgar Chemical formula:- As2S2 (arsenic disulphide) काठिन्य- 1.5-2 पर्याय:- मनःशिला, रोग शिला, शिला, नेपाली, मनोज गुप्ता, मनोज्ञा, मनोद्धा, नागजिद्धिका, ●कुनटी, ●कुलटी, गोला, नागमाता, कल्याणिका और रसनेत्रिका। प्राप्ति स्थान- नेपाल, चीन, भारत के कुमाऊँ एवं चित्राल क्षेत्र, स्पेन एवं यूनान में। Types:- रसरत्नसमुच्चय कार ने मनःशिला के […]
मंत्र प्रभाव से कार्य करते है और उनका प्रभाव शब्दों में कहने योग्य नहीं है, आर्ष संहिताओं में विभिन्न जगाओ पर मंत्रो के उपयोग व रोग निवारण का वर्णन मिलता है उसी प्रकार से आज हम ज्वर नाशक मंत्रो को आपको बताते है, मंत्रो को बताने से पहले आपको ज्वर की उत्पति के बारे में […]
Raksha karm/ रक्षा कर्म= आयुर्वेद में जात कर्म संस्कार के बाद में रक्षा विधान का वर्णन है। इसका उपयोग बालको की भूत, राक्षस आदि से रक्षा से होता था, आज आधुनिक भूत को Pathogen (Bacteria, virus etc.) मानते है, तो आज भी हम इसका (Raksha karm) उपयोग अपने घर को इनसे मुक्त व सुरक्षा कर […]
Introduction: This is modified radiological technique discovered by Hounsfield & Ambrose. This technique is used to detect the abnormal structures and minor pathologies which could not be detected through other investigatory techniques, Computed tomography is a new method of forming images from X-rays. This is a multi directional scanning of the human body,By this multiple […]
धूप की उत्पति :- जब उत्पन्न हुए ऋषियों के पुत्रों को राक्षसों ने सताना प्रारंभ किया तब होम, जाप एवं तप से युक्त हुए सब महर्षि अग्नि देवता के शरण में पहुंचे। इससे प्रसन्न होकर अग्नि ने कहा- मेरे द्वारा अर्पित किये गये इन धूपों का तुम ग्रहण करो तथा प्रयोग करो । इससे तुम्हें […]