According to Modern, Aamvaat can be co- related with Rheumatism/ Rheumatoid Arthritis. So, Today we will cover Causes and Diagnosis of Aamvaat with clinical features according to Ayurveda.
निदान :-
- दूध – मछली को एक साथ खाना।
- भोजन के बाद व्यायाम करना।
- व्यायाम न करना और कफ वर्धक आहार का निरंतर सेवन करना।
उपर्युक्त निदानों के सेवन से वात दोष से प्रेरित हुए आम रस, आमाशय आदि की संधियों में चला जाता है। उसके बाद में आम रस वात आदि दोषों से अत्यन्त दूषित होकर रसवह सिराओं में रुकावट पैदा कर देता है और उनकी गति को भारी कर देता है।
यह रोग ठीक होने के पश्चात पुन: प्रकोपक कारणों के मिलने पर पुन: हो जाता है।
लक्षण :-
- शरीर में जोर से मसलने जैसी पीड़ा
- अरुचि
- तृष्णा
- आलस्य
- शरीर में भारीपन
- ज्वर
- भोजन का परीपाक सही से न होना
- अंगो में शोथ
प्रवृद्ध आमवात के लक्षण :-
जब आम वात (Aamvaat) रोग अधिक बढ़ जाता है। तब यह सभी रोगों से अधिक कष्ट दायक कहा गया है, लक्षण इस प्रकार है :-
- हाथ, पैर आदि की संधियों में पीड़ा कारक शोथ उत्पन्न कर देता है।
- आम रस शरीर के जिस अंग में जाता है, वहां पर बिच्छू के डंक के समान पीड़ा होती है।
- अग्नि मंद
- मुख में लार का चूना
- अरुचि
- शरीर में भारीपन
- उत्साह की कमी
- मुख का स्वाद का फीका हो जाना
- अंगो में दाह
- मूत्र का बार बार होना
- पेट का कड़ा होना
- शूल
- समय पर नींद न आना
- तृष्णा
- वमन
- भ्रम
- मूर्च्छा
- हृदय का जकड़ जाना
- कब्ज
- आतों में गुड़गुड़ की आवाज़
- शरीर में जड़ता
- आनाह
दोष विशेष से आम वात के लक्षण :-
दोष | लक्षण |
पित्त | दाह व लालिमा |
वात | शूल |
कफ | तीव्र खुजली व जड़ता |
साध्य – असाध्य :-
दोष | असाध्य |
एक दोष | साध्य |
दो दोष | याप्य |
त्रिदोष | कृच्छ्र साध्य |
आमवात व वातरक्त में भेद :-
आमवात | वातरक्त |
बड़ी संधियों से उत्पन्न होती है | छोटी संधियों से उत्पन्न होता है |
ज्वर आता है | ज्वर नहीं आता |
संधि शोथ व पीड़ा होती है | संधि शोथ व पीड़ा नहीं होती |
हृदय में भारीपन होता है | हृदय में भारीपन नहीं होता |
रक्त मोक्षण से कोई लाभ नहीं | रक्त मोक्षण से लाभ |
इसमें आम अपक्व होता है | इसमे आम पक्व होता है |
शरीर में फैलने की क्रिया नहीं होती | शरीर में फैलने की क्रिया होती है |
किसी को भी हो सकता है | सुकुमार, स्थूल व सुखी पुरुषों को होता है |
छोटी अवस्था में भी होता है | 30-40 वर्ष के पुरुष में देखा जाता है |
8 replies on “Aamvaat Nidan ( आमवात निदान ) : लक्षण, भेद”
Plzz provide notes on english
Mam English version will be added soon.
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