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Kumar Bhritya Rog Nidan Swasthavrit

Immunity & Ayurveda | व्याधिक्षमत्व : The Key to a Healthy Life

व्याधिक्षमत्व or Immunity दो शब्दों से मिलकर बना है। ‘व्याधि‘ = विविधं दुःखमादधातीति व्याधि:।। (च० चि० 1/5); अर्थात् आयुर्वेद में दुख का नाम ही व्याधि है। ‘क्षमत्व’ का अर्थ होता है = बनाना, गुस्सा रोकना, चुप रहना, या लड़ना (अमरकोष) व्याधिक्षमत्व को सर्वप्रथम चक्रपाणि ने बताया है। व्याधिक्षमत्वं व्याधिबल विशेधित्वं व्याध्युत्पाद प्रतिवन्धकत्वमिति यावत् ।। (च० […]

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Stree evam Prastuti Tantra

Hyperemesis Gravidarum – Causes, Symptoms, Treatment

Hyperemesis Gravidarum (also known as HG) is a severe type of vomiting of pregnancy which has got deleterious effect on the health of mother and/or incapacitates her in day-to-day activities. Triad of adverse effects: > 5% loss of pre- pregnancy weight Dehydration Electrolyte imbalance Incidence: There has been a marked fall in the incidence during […]

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Agad Tantra Charak Samhita

Gara Visha | गर विष : Relation with Food Poisoning

” गर विष/ Gara Visha ” दो शब्दों से मिलकर बना है। ‘गर‘- अर्थात् निगलना; ‘विष‘- अर्थात् छा जाना था व्यापत होना । → अर्थात् वह विष जो आसानी से निगला जा सके और शीघ्रता से रसादि धातुओं में फैल जाए, उसे गर विष कहते हैं। • ‘गर‘ शब्द का दूसरा अर्थ है- एक ऐसा […]

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Dravya Guna Plants

Supari | सुपारी – Areca catechu : Benefits, Medicinal Uses

Supari commonly known as Areca Nut or Betel nut, is an Ayurvedic herb widely cultivated in Southern states of India which is used as a masticatories and in spices. It has many medicinal properties and helps to treat and prevent mouth ulcers, diarrhoea, intestinal worms, dental cavities, chicken pox, joint pains, various skin diseases, abdominal […]

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Bhaishajya kalpana Yog ( Formulations )

Chitrak Haritaki | चित्रक हरीतकी : Uses, Dose, Preparation

Chitrak Haritaki is a very famous Ayurvedic medicine used in treating chronic respiratory conditions like Tuberculosis, Pneumonia, Common Cold, Cough, Bronchitis, Asthma etc. चित्रकस्यामलक्याश्च गुडूच्या दशमूलजम् । शतं शतं रसं दत्त्वा पथ्याचूर्णाढकं गुडात् ॥२५॥ शतं पचेद् घनीभूते पलद्वादशकं क्षिपेत् । व्योषत्रिजातयोः क्षारात् पलार्द्धमपरेऽहनि ॥२६॥ प्रस्थार्द्धं मधुनो दत्त्वा यथाग्न्यद्यादतन्द्रितः । वृद्धयेऽग्ने क्षयं कासं पीनसं दुस्तरं कृमीन् […]

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Bhaishajya kalpana Ras Shastra Yog ( Formulations )

Suchikabharan Ras | सूचिकाभरण रस : Ayurvedic Injection

जब सत्रिपात का रोगी बेहोश हो, नाड़ी क्षीण हो, रुक-रुक कर नाड़ी चलती हो, देह ठण्डा हो, पसीना आता हो, हाथ-पैर शिथिल एवं ठण्डे हो, श्वास क्षीण हो, हृदय की गति निर्बल हो, मृतसञ्जीवनी सुरा, बृहद कस्तूरी भैरव आदि औषधों का कोई भी प्रभाव नहीं हो अर्थात् अन्तिम दशा है ऐसा समझकर इस सूचिकाभरण रस […]

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Ras Shastra Yog ( Formulations )

Mahalakshmivilas Ras | महालक्ष्मीविलास रस : Types, Benefits, Uses

Mahalakshmivilas Ras (महालक्ष्मीविलास रस) is an Ayurvedic remedy which is an excellent Rasayana. It is the best cure for phlegm and respiratory disorders. प्रथम महालक्ष्मीविलास रस:- यह सभी शिरोरोगों का नाश करता है। लौहमभ्रं विषं मुस्तं फलत्रयकटुत्रयम् । धुस्तूरं वृद्धदारञ्च बीजमिन्द्राशनस्य च ॥५७॥ गोक्षुरकद्वयञ्चैव पिप्पलीमूलमेव च । एतत्सर्वं समं ग्राह्यं रसे धुस्तूरकस्य च ॥५८॥ भावयित्वा […]

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Ras Shastra Syllabus Yog ( Formulations )

Lakshmivilas Ras | लक्ष्मीविलास रस : Types, Uses, Benefits

लक्ष्मीविलास रस (Lakshmivilas Ras) सभी योगों के राजा के रूप में प्रसिद्ध है। इसके सेवन से क्षय, त्रिदोषोत्पन्न पाण्डुु (Anemia) , कामला (Jaundice) , सभी प्रकार के वातविकार, शोथ (Oedema), प्रतिश्याय (Common Cold), शुक्रक्षय, अर्श (Piles), शूल, कुष्ठ, अग्निमान्द्य, सन्निपात ज्वर, श्वास एवं कास जैसे रोगों को नष्ट कर देता है। इससे शरीर में तरुणाई […]

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Bhaishajya kalpana Yog ( Formulations )

Gangadhar Churna | गङ्गाधर चूर्ण : Types, Benefits, Uses

यह गङ्गाधर चूर्ण (Gangadhar Churna) नदी के वेग की तरह प्रवृद्ध अतिसार को शान्त करता है। इसके सेवन से सभी प्रकार के अतिसार, सभी प्रकार के शूल, संग्रहणी, सूतिका रोग आदि शान्त होते हैं। Laghu Gangadhar Churna/ लघु गङ्गाधर चूर्ण:- मुस्तसैन्धवशुण्ठीभिर्धातकीलोध्रवत्सकैः । बिल्वमोचरसाभ्याञ्च पाठेन्द्रयवबालकैः ॥४ ३॥ आम्रबीजमतिविषा लज्जा चेति सुचूर्णितम् । क्षौद्रतण्डुलतोयाभ्यां जयेत्पीत्वा प्रवाहिकाम् ॥४४॥ […]

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Ras Shastra Syllabus Yog ( Formulations )

Yogendra Ras | योगेन्द्र रस : Ingredients, Benefits, Uses

योगेन्द्र रस (Yogendra Ras) आयुर्वेदिक औषधियों में एक उत्कृष्ट और वीर्यवान वातशामक औषध है। यह विशेषतः ह्रदय, मस्तिष्क, वातवहानाड़ियाँ, मन और रक्त पर अपना प्रभाव दर्शाता है। इसके सेवन से वातवहानाड़ियाँ सबल होती है; अतः जीर्ण (पुराना) वातविकार के साथ पित्त प्रकोपजन्य दाह (जलन), व्याकुलता, निद्रानाश, मुखपाक (मुंह में छाले), अपचन आदि लक्षण हो, तब विशेष लाभदायक है। जीर्ण वातविकार, अपस्मार और उन्माद आदि रोगों […]