प्रवालमुक्ताफलशंखशुक्ति कपर्दिकानां च समांशभागम् ।प्रवालमात्र द्विगुणं प्रयोज्यं सर्वैः समांशं रविद्ग्धमेय।।एकीकृतं तत्खलु भाण्डमध्ये क्षिप्त्या मुखे बन्धनमत्र योज्यम्। पुटं विदध्यादतिशीतले च उद्धृत्य तद्भस्म क्षिपेत्करण्डे।। नित्यं द्विवारं प्रतिपाकयुक्तं वल्लप्रमाणं हि नरेण सेव्यम्।आनाहगुल्मोदर प्लीहकासश्वासाग्निमान्द्यान्कफमारुत्तोत्थान्।।अजीर्णमुद्गार हृदामयध्नं ग्रहण्यतीसार विकारनाशनम्।मेहामयं मूत्ररोगं मूत्रकृच्छू तथाश्मरीम्।। नाशयेन्नात्र सन्देहः सत्यं गुरुवाचो यथा।पथ्याश्रितं भोजनमादरेण समाचरेन्निर्मलचित्तवृत्त्या।। प्रवालपञ्चामृतनामधेयो योगोत्तमः सर्वगदापहारी।। (भै. र. गुल्म 32/116-120) घटक द्रव्य :- प्रवाल भस्म […]
Author: rohitgera1999
There is always a governing body to keep an eye for the proper functioning of a system. Similarly, to keep an eye on “AYUSH” Colleges “C.C.I.M.” was established. C.C.I.M. stands for Central Council of Indian Medicine. It provides affiliation as well as sets up various courses, syllabus for AYUSH courses study. **No College can run […]
घटक द्रव्य :- मुक्ता पिष्टि – 1 भाग मुक्ताशुक्ति भस्म – 1 भाग शंख भस्म – 1 भाग गुडूची सत्त्व – 1 भाग प्रवाल पिष्टी – 1 भाग कपर्दिका भस्म – 1 भाग शुद्ध गैरिक – 1 भाग Trick to Learn :- प्रवीण कोड़ी के भाव में शंख खरीदकर, गेरुआ वस्त्र धारण कर मुक्ति के […]
आहार ही प्राण है ऐसा वर्णन हमारे उपनिषद् में मिलता है परन्तु अजीर्ण जब उत्पन्न होता है जब भोजन को मात्रा में नहीं किया जाए तो अजीर्ण का कारण होता है, ऐसा ही माधव निदान में वर्णन मिलता है और कहा गया है :- अनात्म वंत: पशुवद् भुञ्जते येऽप्रमाणत:। रोगानीकस्य ते मूलम जीर्णं प्राप्नुवन्ति हि।। […]
निदान :- अधिक जल पी लेना विषम भोजन करना संयोग विरूद्ध भोजन करना अधारणीय वेगाे को धारण करना निद्रा सही से न लेना दिन में सोना व रात्रि में जागना इर्षा, भय, क्रोध, लोभ, रोग, दीनता से पीड़ित भेद :- दोष भेद आचार्य माधव निदान आम अजीर्ण कफ सुश्रुत + विदग्धाजीर्ण पित्त सुश्रुत + विष्टब्धाजीर्ण […]
पारदामृतलवङ्ग गन्धर्व भागयुग्ममरिचेन मिश्रितम्। जातिकाफलमथार्द्धभागिकं तिन्तिडीफलरसेन मर्दितम्।। मायमात्रमनुपानयोगतः सद्य एव जठराग्निदीपनः। सङ्ग्रह ग्रहण कुम्भकर्ण सामवातखरदूषणं जयेत् । वह्निमान्द्यदशवक्त्रनाशनो रामबाण इति विश्रुतो रसः।। (‘भै. र. अग्निमांद्य 10/90-92) घटक द्रव्य :- शुद्ध पारद – 1 भाग शद्ध वत्सनाभ -1 भाग शुद्ध गन्धक – 1 भाग जायफल – ½ भाग लवङ्ग – 1 भाग मरिच – 2 भाग […]
रसभस्म त्रयो भागा भागकं हेमभस्मकम्। मित्रस्य भाग शिला गन्धक तालकम्।।प्रतिभागद्वयं शुद्धमेकीकृत्य विचूर्णयेत्। वराटिका तेन पिया चाजाक्षीरेण टंकणम्।। पिष्ट्वा तेन मुखं रुद्ध्वा मृद्भाण्डे तां निरोधयेत्।शुष्कं गजपुटे पाच्यं चूर्णयेत् स्वांग शीतलम्।। दशपिप्पलिकैः क्षौद्र्मरिचैर्वा घृतान्वितैः।गुञ्जा चतुष्ट्यशास्य क्षयरोग प्रशान्तये।। (र. सा. सं. यक्ष्मा चि. 2/3-6) घटक द्रव्य :- पारद भस्म – 3 भाग रजत भस्म – 1 भाग शुद्ध […]
Before starting about how to get admission in B.A.M.S. one should know what exactly B.A.M.S. is! So in this post we will first start this post with the same. This post will cover complete Admission Process as well as will guide you through the process. To play a game you need to know it’s rule […]
सिन्दूरं मौक्तिकं हेम व्योमायो हेममाक्षिकम्।कन्यारसेन सम्म कुर्यान्मुद्गमिता वटीः।।वटिकां वटिकाद्ध वा वयोऽवस्थां विविच्य च।। (भै. र. बालरोग 71/119-120) घटक द्रव्य :- रससिन्दूर – 1 भाग स्वर्ण भस्म – 1 भाग लौह भस्म – 1 भाग मुक्ता भस्म – 1 भाग अभ्रक भस्म -1 भाग स्वर्णमाक्षिक भस्म – 1 भाग भावना द्रव्य– घृतकुमारी स्वरस – यथावश्यक Trick […]
हिंगुल विषं टंकं जातीकोषफले तथा।मिरिचं पिप्पली चैव कस्तूरी च समांशिका।।रक्तिद्वयं ततः खादेत् सन्निपाते सुदारुणे॥ (र. सा. सं. ज्वराधिकार-177) घटक द्रव्य :- शुद्ध हिंगुल – 1 भाग शुद्ध टंकण – 1 भाग जायफल – 1 भाग पिप्पली – 1 भाग शुद्ध वत्सनाभ – 1 भाग जावित्री – 1 भाग मरिच – 1 भाग कस्तूरी – 1 […]