वात के स्थान (vaat ke sthan):- वस्तिः पुरीषाधानं कटिः, सक्थिनी पादावस्थीनि च वातस्थानानि।तत्रापि पक्वाशयो विशेषेण वातस्थानम्।।(च० सू० 20/7)तत्र समासेन वातः श्रोणि गुड संश्रयः ।।( Su. Sa. Su 21/7)पक्वाशयः कटिसक्यिश्रोत्रास्थिस्पर्शनेन्द्रियम्।स्थानं वातस्य, तत्रापि पक्वाधान विशेषतः ।।(As. Hr. Su. 12/1) चरक संहिता सुश्रुत संहिता अष्टांग हृदय वस्ति गुद पक्वाशय पुरिषाधान श्रोणि कटि कटि(pelvic region) – सक्थि सक्थिनी(जँघा) – […]
अग्निः सोमो वायुः सत्त्वं रजस्तमः पञ्चेन्द्रियाणि भूतात्मेति प्राणाः ।। ३ ।। अग्नि, सोम, वायु, सत्व, रज, तम, पांच इन्द्रियाँ (ज्ञानेन्द्रियाँ) और भूतात्मा (जीवात्मा) ये प्राण हैं।यहां पर 12 प्राणों के बारे में बताया है । तस्य खल्वेवं प्रवृत्तस्य शुक्रशोणितस्या-(क्वचित् ‘शुक्रशोणितस्य’ पाठो न विद्यते) भिपच्यमानस्ययेव सन्तानिकाः सप्त त्वचा-(घट्ट त्वचा ‘पा.’) भवन्ति । तासां प्रथमा वभासिनी नाम, […]
औद्भिद द्रव्य गण विवेचन – (1) विविध पञ्चमूल – महर्षि सुश्रुत ने पञ्च (पांच) पञ्चमूलों का वर्णन किया है।इसके अंतर्गत लघु पञ्चमूल, बृहत् पञ्चमूल, वल्ली पञ्चमूल, कण्टक पञ्चमूल और तृण पञ्चमूल आते हैं। (क) लघु पंचमूल घटक द्रव्य – शालपर्णी, पृश्निपर्णी, वार्ता की ( बृहती), कंटकारी और गोक्षुर। (ख) बृहत पंचमूल घटक द्रव्य – बिल्व, […]
BOTANICAL NAME: Emblica officinalis FAMILY: Euphorbiaceae ENGLISH NAME: Indian gooseberry SANSKRIT NAME: आमलक पर्याय : आमलकी, अमृता,धात्री, तिष्यफला, वृष्या, जातीफलरसा, शिवा, आमला, आँवले आदि। Comparative review name:- Name भाव प्रकाश Dhanvantri मदनपाल राज कैदेव चंदु वेद आमलकी * * * * वय स्था * * * * * वृष्या * * * जातीफलरसा * * […]
त्रिफला में आमलकी, विभितकी, हरितकी होते है इस प्रश्न पर सभी आचार्यों का एक मत है परन्तु उसमे मात्रा में भेद है। परन्तु आजकल भाव प्रकाश के अनुसार प्रचिलित है। Bhag हरीतकि विभीतक आमलकी कैदेव 1 2 4 मदनपाल 3 6 12 भाव प्रकाश 1 1 1 सुषेण 1 2 4 Comparitive review name :- […]
Botanical name :- Terminalia belliricaFamily name :- Combretaceae Vernicular names :- हिन्दी- हल्ला, बहेड़ा, फिनास, बहरा, बहेराउर्दू- बहेरा (Bahera); असमिया- बौरी (Bauri)कोंकणी- गोटिन्ग (Goting)कन्नड़- तोड़े (Tore), तोरे (Tore)गुजराती- बेहेड़ा (Beheda), बेड़ा(Beda)तमिल- तरी (Tanri), तनितांडी (Tanitandi)तेलुगु- धोंडी (Hindi), तडिचेटटु (Tadichettu)बगाली- साग (Saag), बयड़ा (Bayada) नेपाली- बरों (Barro)मराठी- बहेड़ा (Behada), बहेड़ा (Behera)पंजाबी- बहिरा (Bahira), बहेड़ा (Baheda) मणिपुरी- […]
1. Pica Pica is the persistent ingestion of non-nutritive substances such as plaster, charcoal, paint and earth for at least 1 month in a manner that is inappropriate for the develop mental level, and is sufficiently severe to warrant independent clinical attention. ◾It is a common problem in children less than 5 yr of age. […]
मांस वर्ग (Mass Vargha) मांस एक पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। इसका अधिकांश भाग शरीर में शोषित हो जाता है। अत बलदायक व वीर्यवर्द्धक होता है। कुछ ऐसे प्राणी भी होते है ,जिनके किसी विशेष स्थान का मांस मक्षण के लिये उत्तम माना जाता है, जैसे जांगलवर्ग में जघाल पशु। दूध के अतिरिक्त पौष्टिक खाद्य द्रव्यों […]
After reading this read Strotas and diseases with Trick आचार्य चरक ने स्रोतस की चिकित्या में उपयोगिता देखते हुए उसके विवेचन के लिए अलग अध्याय में बताया है । चरक विमान स्थान अध्याय 5 स्रोतोविमानं में बताया है। स्त्रोतस दो प्रकार के होते है:- बहिर्मुख स्रोतस :- यह शरीर के बाहर के द्वार होते है […]
वैरोधिक आहार (Virodhik Ahaar) आचार्य चरक ने सूत्र स्थान के 25वे अध्याय (यज्ज: पुरूषीय अध्याय) में संभाशा परिषद् में 18 प्रकार का बताया है। इनके विरूद्ध होने पर खाना, शरीर के लिए अहितकर होता है । पथ्य पथोऽनपेत यद्यच्चोक्तं मनसः प्रियम् । यच्चाप्रियमपथ्यं च नियतं तत्र लक्षयेत् ॥ ४५ ॥मात्राकालक्रियाभूमिदेहदोषगुणान्तरम् । प्राप्य तत्तद्धि दृश्यन्ते ते […]