In today’s fast-paced world, the prevalence of Prameha (urinary disorders) is rising, largely due to lifestyle changes. You or someone you know might already be dealing with this condition or showing early signs. In this post, I’ve gathered essential information on Prameha to help you understand it better. If you find this helpful, please share […]
Category: Astang Hridya
This section has post useful for B.A.M.S 1st year or related for Astang Hridya. Astang Hridya is the second book or treatise by Acharya Vaghbhatt after Asthang Sanghra, Acharya praised his treatise by after reading this can start treatment and doesn’t need to wait and study other books.
आचार्य वाग्भट ने कपालगत रोग (Kapalgata Roga) का वर्णन किया है। Mnemonic:- DK’s VIP PAAV D – दारुणक K – खलित V – उपशीर्षक I – इंद्रलुप्त P – पलित P – पिटिका A – अर्बुद A – अरुषिका V – विद्रधि Quick Revision of Kapalgata roga:- उपशीर्षक गर्भ में वायु प्रकुपित होकर, कपाल के […]
आचार्य सुश्रुत ने 11 प्रकार के शिरोरोग (Shiroroga) का वर्णन किया है। Mnemonic:- सूर्य द्वारा दोषों के क्षय से आधे भाग में शंख समान अनंत कृमि उत्पन्न हुए। सूर्य – सूर्यावर्त्त रोग दोषों – (5) वात, पित्त, कफ, रक्तज, त्रिदोषज शिरोरोग क्षय – क्षयज शिरो रोग आधे – अर्धावभेदक शंख – शंखक अनंत – अनंतवात […]
Acharya Sushruta has mentioned 17 Sarvagata Roga (all over the eye) in his samhita along with signs and treatment which are as follows. अशोक का हाथ वात के प्रकोप से शुष्क हो गया और अन्यवात से दुषित होकर सिर का पतन हो गया। अशोक – अशोफ व सशोफ अक्षिपाक हाथ – हताधिमंथ वात – वातपर्याय […]
Adhimantha also known as Glaucoma, is a group of conditions that have a characteristic optic neuropathy associated with visual field defects and elevated intraocular pressure. संहिताओं में इसका वर्णन निम्न आचार्यों ने किया है:- सुश्रुत संहिता उत्तरतंत्र – 6 (सर्वगतरोगविज्ञानीयध्याय) 9 (वाताभिष्यन्द- अधिमन्थप्रतिषेध) 10 (पित्ताभिष्यन्दप्रतिषेध) 11 (श्लेष्माभिष्यन्दप्रतिषेध) 12 (रक्ताभिष्यन्दप्रतिषेध) अष्टांग हृदय उत्तरतंत्र – 15 “वृद्धैरेतैरभिष्यदैर्नराणामक्रियावताम् […]
दुष्ट त्वचा, मांस आदि को स्वस्थान से दूर करता, काट कर हटाता है, उसे क्षार (Kshar) कहते हैं। बहुत से आचार्यों ने इसका वर्णन अपनी संहिताओं में किया है:- सुश्रुत संहिता = सूत्र स्थान 11, उत्तर तंत्र 42, गुल्म चिकित्सा अध्याय अष्टांग संग्रह = सूत्र स्थान 39 अष्टांग हृदय = सूत्र स्थान 30 चक्रदत्त अध्याय […]
अक्षिपाक (Akshipaka) also known as Uveitis; is defined as the inflammation of uveal tissue. इसका वर्णन सुश्रुत संहिता उत्तरतंत्र अध्याय 6 और अध्याय 12 व अष्टांग हृदय उत्तरतंत्र अध्याय 15 में किया है। सशोफ अक्षिपाक:- “कुण्डूपदेहाश्रुयुतः पक्वोदुम्बरसन्निभः। दाहसंघर्षताम्रत्वशोफनिस्तोदगौरवैः। जुष्टो मुहुः स्रवेच्चास्त्रमुष्णशीताम्बु पिच्छिलम्। संरम्भी पच्यते यश्च नेत्रपाकः स शोफजः।।” (सु.उ. 6/21) नेत्र में खुजली होना, मल […]
इंद्रलुप्त (Indralupta), वह रोग जिसमें रोम की उत्पत्ति बंद हो जाती है। इसे Alopecia के नाम से भी जाना जाता है। निदान व सम्प्राप्ति/ Cause and Pathogenesis:- रोमकूपानुगं पित्तं वातेन सह मूर्च्छितम् । प्रच्यावयति रोमाणि ततः श्लेष्मा सशोणितः ।। रूणद्धि रोमकूपांस्तु ततोऽन्येषामसम्भवः । तदिन्द्रलुप्तं खालित्यं रुज्येति च विभाव्यते ।। (सु.नि. 13 / 32-33) वात, पित्त […]
ओष्ठगत रोग (Oshtagata Roga) दो शब्दों से मिलकर बना है: ओष्ठ – lips और रोग – disease; i.e diseases of lips. Let’s study each of the Oshtagata Rogas in detail with their treatment. ओष्ठगत रोग की संख्या:- “तत्रौष्ठप्रकोपा वातपित्तश्लेष्मसन्निपात रक्तमांसमेदोऽभिघातनिमिताः॥” (सु.नि. 16/ 5) ओष्ठगत (Oshtagata) 8 रोग होते हैं। वातिक (Cracked lips) पैत्तिक (Aphthous ulcer/ […]
Kumkumadi Tail or Kumkumadi Oil is an amazing Ayurvedic concoction of herbs that acts as a magical remedy for uplifting skin health and treating various skin issues. It helps in preventing dark spots, wrinkles, greying of hair, Acne, pimples, dark circles, pigmentation of skin and many other skin problems. अश्विनीकुमार कुमकुमादि तैल: कुङ्कुमं चन्दनं द्राक्षा […]