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Sarvagata roga | सर्वगत रोग with Trick to Learn

Acharya Sushruta has mentioned 17 Sarvagata Roga (all over the eye) in his samhita along with signs and treatment which are as follows.

अशोक का हाथ वात के प्रकोप से शुष्क हो गया और अन्यवात से दुषित होकर सिर का पतन हो गया।

  • अशोक – अशोफ व सशोफ अक्षिपाक
  • हाथ – हताधिमंथ
  • वात – वातपर्याय
  • शुष्क – शुष्क अक्षिपाक
  • अन्यवात – अन्यतोवात
  • दुषित – अम्लाध्युषित
  • सिर – सिराहर्ष
  • पतन – सिरापतन
  • +4 अभिष्यंद
  • +4 अधिमंथ

Teacher – अधमथा दही अभिष्यंदि व अम्ल व वातप्रकोपक होता‌ है, पाक हुआ हितकारी होता है।

Student – हाथ मे अन्य वात से सिरा हर्ष होकर पतन हो गया

  • अधमथा – अधिमंथ (4)
  • अभिष्यंदि – अभिष्यंद (4)
  • अम्ल – अम्लाध्युषित
  • वातप्रकोपक – वातपर्याय
  • पाक – सशोफ, अशोफ, शुष्क‌ अक्षिपाक
  • हाथ – हताधिमंथ
  • अन्य वात – अन्यवात
  • सिरा हर्ष – सिरा हर्ष
  • पतन – सिरा पातन

Quick Revision of Sarvagata Roga :-

वातज अभिष्यंदसुची वेदना, जकडा़हत, रोम हर्ष, सिर पीडा, रुक्षता, शीतल आश्रु, नासानाह, अल्प शोथ, शुष्क व अल्प मल, कष्ट से आंख खोल- बंध, भारीपन, गरम चीजों से आरामसाध्य
पूर्वरुप –
तीक्ष्ण गण्डुष, नस्य, विडालक
रुप – पुरान‌ घृत सेवन, स्वेदन, सिरामोक्ष, स्नेहन, विरेचन, बस्ति। तर्पण, पुटपाक, धूम्रपान, नस्य, आश्च्योतन, परीक्षेक, विडालक
Viral conjunctivitis
पैतिक अभिष्यंददाह, पाक, शीतल द्रव्य पसंद, धुंआ सा प्रतीत, आंसू बहुलता, गरम पानी निकालना, आंख पीली, श्याम शोथ, लालगी, क्षत लगने समान जलनरक्तमोक्षण, विरेचन, सेक , आलेप, नस्य, अंजन, विसर्प समान चिकित्सा Bacterial conjunctivitis
कफज अभिष्यंदभारीपन, शोथ, कण्डु, मल से‌ लिप्त समान, श्वेत व शीत, बार बार पिच्छिल स्त्राव, अरुचि, निद्रासिरामोक्षण, स्वेदन, अवपीड नस्य, अंजन, धूम्रपान,सेक, प्रलेप, कवल, रुक्ष, आश्च्योतन, पुटपाक, अपतर्पन, कुष्ठ चिकित्सा घृत Conjunctivitis is the inflammation of conjunctiva characterized by conjunctival hyperaemia and discharge which may be watery, mucoid, mucopurulent or purulent
रक्तज अभिष्यंदताम्र आसु, लालगी, लाल सिराऐं दिखना, कीचड, रक्त वर्ण दिखनासिरोत्पात, सिराहर्ष के समान, कौंभ घृत सेवन, मांसरस सेवन, विरेचन, शिरोविरेचक नस्य, प्रदेह, परिसेचन, नस्य, धूम्रपान, आश्च्योतन, अभ्यंग, तर्पण, स्निग्ध, पुटपाक
वातज अधिमंथ वातज अभिष्यंद की उपेक्षा करने से, मंथन जैसी पीडा, अध्र्वा भेदक शूल, शस्त्र काटने समान वेदना, मांस शोथ, नेत्र कीचड युक्त, संकुचन, आध्मान, कंपन, कर्णनाद, मुर्च्छासाध्य 6 दिन बाद आसाध्य
अभिष्यंद समान, भोहो के ऊपर दाह, सार रहित गांय की दही से चांदी के ऊपर लेप सुखने पर वर्ति
Glaucoma is a group of conditions that have a characteristic optic neuropathy associated with visual field defects and elevated intraocular pressure
पित्तज अधिमंथ लाल वर्ण रेखा व्यापत, स्त्राव अग्नि समान, दाह, घाव मे क्षार समान जलन, पका हुआ वर्त्म, पसीना, रोगी सब पीला देखता है तुरंत असाध्य
अभिष्यंद समान चिकित्सा
कफज अधिमंथ शोफ व लालीमा कम, कण्डु, रोमांच, नासिका रुकी हुई, कृष्ण भाग दबा हुआ, निरंतर स्त्राव, सब धुंधुली 7 दिन मे असाध्य अभिष्यंद समान चिकित्सा
रक्तज अधिमंथजपापुष्प समान लाल वर्ण, अंधेरा छाना, स्पर्श सहन नही करते। रक्त से सने नेत्र, रीठे फल समान। उखाडने समान वेदना 5 दिन बाद असाध्य
सशोफ अक्षिपाकअक्षिपाक मे कण्डु, मल युक्त, अश्रु आना, वर्ण पके गुलर समान, सुई वेदना, कभी गरम कभी शीत, पिच्छिल स्त्राव, नेत्र लाल व पाक, अधिक स्त्राव त्रिदोषज
स्नेहन, स्वेदन, सिरावेध, सेक, आश्च्योतन,नस्य, पूटपाक, शोधन अंजन
Uveitis is the inflammation of uveal tract (iris, ciliary body and choroid)
अशोफ अक्षिपाकसशोफ के समान बस बिना शोथ के Chronic uveitis
हताधिमंथअधिमंथ उपेक्षा करने से वात नेत्र शोथ, तीव्र पीडा, नेत्र बाहर, अनेक प्रकार की वेदनाएं, आंख की दृष्टि नष्टवातज अभिष्यंद समानPhthisis bulbi/Proptesis – shrinking of eye ball due to marked hypotomy (low tension)
वातपर्यायवायु क्रम से पक्ष्म, अक्षि गोलक, कभी भू मे अन्यतोवात समान, नेत्र कुटिल व स्वाभाविक आकार से छोटीवातज अभिष्यंद समान, भोजन पूर्व घृतपान, साथ मे दूधपानOcular pain
शुष्क अक्षिपाकनेत्र संकुचित, वर्त्म कठोर व रुक्ष, धुंधला दिखाई दे, नेत्र खोलने मे भयंकरकष्ट , घर्षण, तोद, भेद, आंख मैल युक्त, पलके रुक्ष, नेत्र बंद कठिनता से, शूल व पाकवातज साध्य घृतपान व तर्पण, नस्य, परिषेक, अंजन, पुराण घृत पान। अणु तैल नस्य, लवन मिश्रित दूध परिषेक Dry eye syndrome is chronic dryness of cornea and conjunctiva and occurs due to insufficient quantity or quality of precorneal tear film
अन्यतोवातवात अवट् (ग्रीवा पश्चिम भाग) कर्ण, शिर, हनु, मन्या में स्थित होकर अन्य स्थान में रहकर कभी भ्रू व कभी नेत्र गोलक मे तीव्र वेदना करती है, पिच्छिल,लाल अश्रु वातव्याधि समान Refered eye pain
अम्लाध्युषितअम्ल पदार्थ, विदाही, अन्न सेवन से नेत्र शोथ युक्त, लाल पीले नेत्र, साफ दिखाई नहीं देता पैत्तिक साध्य सिरामोक्ष नहीं करना चाहिए , नस्य, लेप, सेक, पुराणा घृत, त्रिफला घृत, अभिष्यंद समान चिकित्सा Allergic chemosis
सिरोत्पातनेत्र मे वेदना रहित, ताम्र वर्ण रेखा, कुछ समय बाद लार, दाह, पीडा, कीचड नही होता रक्तज साध्य, अंजन, रक्तज अभिष्यंद समान चिकित्सा Non- necrotizing scleritis
सिराहर्षताम्र व गाढा व स्वच्छ रक्तस्राव। किसी भी पदार्थ देखने मे समर्थ नहीं होतारक्तज
अंजन
Necrotising scleritis (scleritis is inflammation of sclera often associated with systemic diseases)
चिकित्सा याद करने के लिए याद रखे शुष्क अक्षिपाक व अम्लाध्युषित अशस्त्रकृत है (शस्त्रकर्म नहीं करना) बाकी सब वेध्य (व्यध्य) है।