अणु तेल (Anu tail) शरीर में सूक्ष्म से सूक्ष्म स्त्रोतों में जाकर रोगों को नष्ट करता है। अणु तेल को नस्य (Nasya treatment) {Nasya refers to nasal instillation of drops of the oil} में और इंद्रियों को बल प्रदान करने के लिए श्रेष्ठ माना गया है। इसका सबसे बड़ा असर बाहरी संक्रमण को शरीर के […]
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Samasharkara Churna is an Ayurvedic formulation used in the treatment of Piles, Anorexia, Indigestion, Heart diseases, Respiratory disorders, Pyrexia, Diabetes mellitus etc. प्रथम समशर्करा चूर्ण: शुण्ठीकणामरिचनागदलत्वगेलं चूर्णीकृतं क्रमविवर्द्धितमूर्ध्वमन्त्यात् । खादेदिदं समसितं गुदजाग्निमान्द्य कासारुचिश्वसनकण्ठहृदामयेषु ॥३७॥ (भैषज्य रत्नावली) घटक द्रव्य / Ingredients:- शुण्ठी (Zingiber officinale) – 1 भाग पीपर (Ficus religiosa) – 2 भाग मरिच (Piper nigrum) […]
Chitrak Haritaki is a very famous Ayurvedic medicine used in treating chronic respiratory conditions like Tuberculosis, Pneumonia, Common Cold, Cough, Bronchitis, Asthma etc. चित्रकस्यामलक्याश्च गुडूच्या दशमूलजम् । शतं शतं रसं दत्त्वा पथ्याचूर्णाढकं गुडात् ॥२५॥ शतं पचेद् घनीभूते पलद्वादशकं क्षिपेत् । व्योषत्रिजातयोः क्षारात् पलार्द्धमपरेऽहनि ॥२६॥ प्रस्थार्द्धं मधुनो दत्त्वा यथाग्न्यद्यादतन्द्रितः । वृद्धयेऽग्ने क्षयं कासं पीनसं दुस्तरं कृमीन् […]
जब सत्रिपात का रोगी बेहोश हो, नाड़ी क्षीण हो, रुक-रुक कर नाड़ी चलती हो, देह ठण्डा हो, पसीना आता हो, हाथ-पैर शिथिल एवं ठण्डे हो, श्वास क्षीण हो, हृदय की गति निर्बल हो, मृतसञ्जीवनी सुरा, बृहद कस्तूरी भैरव आदि औषधों का कोई भी प्रभाव नहीं हो अर्थात् अन्तिम दशा है ऐसा समझकर इस सूचिकाभरण रस […]
यह गङ्गाधर चूर्ण (Gangadhar Churna) नदी के वेग की तरह प्रवृद्ध अतिसार को शान्त करता है। इसके सेवन से सभी प्रकार के अतिसार, सभी प्रकार के शूल, संग्रहणी, सूतिका रोग आदि शान्त होते हैं। Laghu Gangadhar Churna/ लघु गङ्गाधर चूर्ण:- मुस्तसैन्धवशुण्ठीभिर्धातकीलोध्रवत्सकैः । बिल्वमोचरसाभ्याञ्च पाठेन्द्रयवबालकैः ॥४ ३॥ आम्रबीजमतिविषा लज्जा चेति सुचूर्णितम् । क्षौद्रतण्डुलतोयाभ्यां जयेत्पीत्वा प्रवाहिकाम् ॥४४॥ […]
आज हम आयुर्वेद के अनुसार घृत ( Medicated Ghee ) बनाना सीखेगें जो कि स्नेह कल्पना के अन्तर्गत आता है और यह विधि 4 चरणों में पूर्ण होती है जो कि इस प्रकार है :- सर्व प्रथम घी को आम दोष से रहित करते है, और उसके साथ औषधिक गुण ग्रहण करने के लिए तैयार […]
निरुक्ति:- धातु स्निह् + घञ् प्रत्यय (suffix) = ‘स्नेह’ शब्द गुण:- गुरु शीत सर स्निग्ध मन्द सूक्ष्म मृदु द्रव (अ.सं. सू.25/4) स्नेह योनि:- स्थावर जङ्गम ( च. सू .13/9 -11) स्थावर स्नेह योनि= जो स्नेह पौधों तथा प्राकृतिक जमीन से मिले हों, जैसे – तिल चिरौंजी विभीतकी हरीतकी सरसों बिल्व मूली अलसी पिस्ता रक्त एरण्ड […]
Before beginning PANCHA VIDHA KASHAYA KALPANA, we must know what is: KASHAYA- According to ayurvedic texts, it simply means distortion{destruction} of the original form of Dravya and making it suitable for use as aahara and aushadha. According to the authentic Kashyapa Samhita, it is defined as :- कण्ठस्य कषणात् प्रायो रोगाणां वाSपि कषर्णात् । कषायशब्दः […]
बिल्वोऽग्निमन्थः श्योनाकः काश्मयः पाटलिर्बला । पण्ण्यश्चतम्रः पिप्पल्यः श्वदंष्ट्रा बृहतीद्वयम्।। शृङ्गी तामलकी द्राक्षा जीवन्ती पुष्करागुरु । अभया चामृता ऋद्धिर्जीवकर्षभको शटी।। ६३ ॥ मुस्तं पुनर्नवा मेदा सैला चन्दनमुत्पलम्। विदारी वृषमूलानि काकोली काकनासिका ॥ ६४॥ एषां पलोन्मितान् भागाञ्छतान्यामलकस्य च । पञ्च दद्यात्तदैकध्यं जलद्रोणे विपाचयेत्।। ६५॥ ज्ञात्वा गतरसान्येतान्यौषधान्यथ तं रसम्। तच्चामलकमुद्धृत्य निष्कुलं तैलसर्पिषोः ॥६६॥ पलद्वादशके भृष्ट्वा दत्त्वा चार्धतुलां भिषक् […]
Drug and Cosmetic act provides Rules & Regulations for Marketing, Manufacturing, Storing of medicine and Cosmetic products which is mentioned here. Why is it needed?? Adulteration and substitution causes health problems to person using products manufactured, so it’s necessary to stop ( adulteration and substitution). This comes the need of drug and Cosmetic act. Details […]