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Sushrut Samhita

Agnikarma | अग्निकर्म : Types, Procedure, Benefits, Uses

अग्नि के द्वारा किया गया कर्म अग्निकर्म (Agnikarma) कहलाता है। अग्निकर्म का महत्त्व / Importance of Agnikarma:- क्षारादग्निर्गरीयान् क्रियासु व्याख्यातः, तद्दग्धानां रोगाणामपुनर्भावाद्धेषजशस्त्रक्षारैरसाध्यानां तत्साध्यत्वाच्च ।। (सु. सू. अ. १२/३) दहन क्रियाओं में क्षार की अपेक्षा अग्नि उत्तम मानी गई है क्योंकि अग्नि से जले हुए रोगों की फिर से उत्पत्ति नहीं होती है। जो रोग औषध, […]

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Astang Hridya Charak Samhita Panchkarma Sushrut Samhita Syllabus

Sansarjan and Tarpanaadi Kram | संसर्जन व तर्पणादि क्रम

वमन तथा विरेचन के पश्चात् संसर्जन क्रम अथवा तर्पणादि क्रम / Sansarjan and Tarpanaadi Kram (कोष्ठ व दोष का विचार कर) का पालन करना चाहिए। संशोधनास्त्रविस्त्रावस्नेहयोजनलङ्घनैः।। यात्यग्निर्मन्दतां तस्मात् क्रमं पेयादिमाचरेत् । (अ. हृ. सू. १८/४५) संशोधन, रक्तमोक्षण, स्नेहपान और लंघन इन कार्यों से अग्नि मंद हो जाती है, इसलिए पेया-विलेपी आदि के क्रम (Sansarjan and […]

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Astang Hridya Charak Samhita Panchkarma Sushrut Samhita

Virechan karma ( विरेचन कर्म ) : Complete Procedure

शब्द उत्पत्ति – वि + रिच् + णिच् + ल्युट् । ‘विरेचन’ (Virechan) का अर्थ है – मलादि को निष्कासित करना। आचार्य चरकानुसार :- तत्र दोषहरणमूर्च्व भागं वमन संज्ञकम, अधोभाग विरेचन संज्ञक; उभयं वा शरीरमलविरेचनाद्विरेचन संज्ञा लभते।। (च॰ क॰ अ॰ १/४) What is Virechan ? अधोमाग (गुदा) से दोष-हरण की क्रिया को विरेचन (Virechan) संज्ञा […]

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Astang Hridya Charak Samhita Panchkarma Sushrut Samhita

पंचकर्मों के योग्य व अयोग्य – ( Logistic tricks )

1. स्वेदन ◾ स्वेदन के योग्य – As we know, steaming cures cold so including- कास, प्रतिश्याय, हिक्का, श्वास (प्राणवह स्त्रोतस), अंग गौरव, गुरूता, स्तम्भ, सुप्रिया, शैत्य, सर्वांगजाडय। स्वेदन gives relief in शूल – कर्णशूल, मन्याशूल, शिरः शूल, जानुशूल, उरुशूल, जंघा शूल, कुक्षिशूल, अंगशूल। It gives relief in वात व्याधि – अर्दित, गृध्रसी, एकांगवात, सर्वांगवात, […]

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Shalay Tantra Sushrut Samhita

Pranasht Shalya / प्रनष्ट शल्य : According to Acharya Sushruta

जो बाहरी वस्तु शरीर के धातु में प्रवेश कर कहीं खो जाए या दिखाई ना दे, उसे ढूंढने के उपाय को प्रनष्ट शल्य (Pranasht Shalya) कहते हैं। शल्य क्या है ? “सर्व शरीर बांधकरं शल्यं।” (सु. सू. 26/5) अर्थात् सारे शरीर में जो पीड़ा पहुंचाए, उसे शल्य कहते हैं। जैसे- यदि भोजन भी जरूरत से […]

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Astang Hridya Charak Samhita Maulik Siddhant Sushrut Samhita Tricks

Tantrayuktiya ( तंत्र युक्तियां ) with Trick to Learn

Tantrayuktiya is present in Astanga Hridya’s Maulik Siddhant portion, Charak Uttarardh as well as sushrut samhita. Not only their is Change in number of tantrayuktiya of various Acharyas. But why to wait when one can learn them in 1st year itself. I know it’s tough to learn 40 Names all together but today we provide […]

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Rare collection Sushrut Samhita

Ritucharya As Dincharya : Divisions of Day as per Ritu

क्या आपने भी कभी सोचा था कि हर दिन में 6 ऋतु हो सकती है और उस हिसाब से क्या करना चाहिए इसी बात का उत्तर आचार्य हारीत ने दिया है और प्रतिदिन में षड् ऋतु बताई है आज हम इसे के बारे बात करेंगे। प्राह्ने वर्षा ऋतुं वदन्ति निपुणास्तस्मिन्निशीथे शरत् प्रोक्तः शैशिरिकस्ततो हिमऋतुः सूर्योदयादग्रतः […]

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Astang Hridya Sushrut Samhita

Raktmokshan / Medicinal Leech Therapy in Ayurveda

Raktmokshan / Leech Therapy = सुख से जीवन यापन करने वालों (सुकुमारों) का रक्तस्रावण करने के लिए जोकों का प्रयोग करना चाहिए। त्याज्य जोकों का वर्णन :– जो जोंकें दूषित जल में। अथवा मछली, मेंढक, साँप आदि प्राणियों के शवों की सड़न से अथवा उनके मल-मूत्रमिश्रित कीचड़ में से पैदा होती हैं। जो लाल, सफेद, […]

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Astang Hridya Charak Samhita Sushrut Samhita Swasthavrit

Ritucharya / ऋतुचर्या : Science of Seasonal Habits for Well Being

प्रस्तुति : कालो हि नाम भगवान् स्वयम् भूरनादिमध्यनिधनोऽत्र।।। काल को भगवान कहा जाता है, जो किसी से उत्पन्न ना हो। काल आदि, मध्य और अंत रहित है।  काल विभाजन  काल विभाग इस प्रकार है- अक्षिनिमेष-1 मात्रा 15 मात्रा-1 काष्ठा 30 काष्ठा-1 कला 2 नाड़ीका-1 मुहूर्त 4 याम-1 दिन 4 याम-1 रात 15 दिन रात-1 पक्ष […]

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Astang Hridya Author Special Charak Samhita Sushrut Samhita

Dinchariya – The Science of Morning Habits

WAKE UP IN BRHAM MUHURAT ( 3-4 am) :- Ayurveda describes benefits of early wakeup it’s said that Brham muhurat is the time we recieve most of the dreams (good or bad) if we wake up early in the morning we won’t receive dreams and can start a day with good thoughts. We get enough […]