घटक द्रव्य :-
- मुक्ता पिष्टि – 1 भाग
- मुक्ताशुक्ति भस्म – 1 भाग
- शंख भस्म – 1 भाग
- गुडूची सत्त्व – 1 भाग
- प्रवाल पिष्टी – 1 भाग
- कपर्दिका भस्म – 1 भाग
- शुद्ध गैरिक – 1 भाग
Trick to Learn :-
प्रवीण कोड़ी के भाव में शंख खरीदकर, गेरुआ वस्त्र धारण कर मुक्ति के मार्ग पर उसी प्रकार चल दिया जैसे अमृत पान कर मृत्यु भय से मुक्त होते है।
- प्रवीण – प्रवाल पिष्टि
- कोड़ी – कपर्दिका भस्म
- शंख – शंख भस्म
- गेरुआ – गेरिक
- मुक्ति – मुक्ता पिष्टि, मुक्ता शुक्ति भस्म
- अमृत – गुडुची ( अमृता ) सत्व
- मुक्ति – मुक्ता पिष्टि, मुक्ता शुक्ति भस्म
सभी द्रव्य सम भाग में लेने है।
निर्माण विधि, उपयोग व मात्रा :-
निर्माण विधि:- सभी द्रव्यों को एकत्र खल्व में डालकर मर्दन कर मिलाकर सुरक्षित रखें।
मात्रा:- 125 से 500 मि. ग्राम
अनुपान– सिता, जीरक, आमलकी चूर्ण, घृत
मुख्य उपयोग- पित्त विकार, अम्लपित्त, दाह, मूर्च्छा, भ्रम, शिरःशूल, सोमरोग, श्वेतप्रदर, रक्तप्रदर, रक्तपित्त।
Reference :- रसतन्त्रसार एवं सिद्धप्रयोग संग्रह, खल्वीय रसायन – 84, आयुर्वेद सार संग्रह