प्रवालमुक्ताफलशंखशुक्ति कपर्दिकानां च समांशभागम् ।प्रवालमात्र द्विगुणं प्रयोज्यं सर्वैः समांशं रविद्ग्धमेय।।एकीकृतं तत्खलु भाण्डमध्ये क्षिप्त्या मुखे बन्धनमत्र योज्यम्। पुटं विदध्यादतिशीतले च उद्धृत्य तद्भस्म क्षिपेत्करण्डे।। नित्यं द्विवारं प्रतिपाकयुक्तं वल्लप्रमाणं हि नरेण सेव्यम्।आनाहगुल्मोदर प्लीहकासश्वासाग्निमान्द्यान्कफमारुत्तोत्थान्।।अजीर्णमुद्गार हृदामयध्नं ग्रहण्यतीसार विकारनाशनम्।मेहामयं मूत्ररोगं मूत्रकृच्छू तथाश्मरीम्।। नाशयेन्नात्र सन्देहः सत्यं गुरुवाचो यथा।पथ्याश्रितं भोजनमादरेण समाचरेन्निर्मलचित्तवृत्त्या।। प्रवालपञ्चामृतनामधेयो योगोत्तमः सर्वगदापहारी।। (भै. र. गुल्म 32/116-120) घटक द्रव्य :- प्रवाल भस्म […]
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घटक द्रव्य :- मुक्ता पिष्टि – 1 भाग मुक्ताशुक्ति भस्म – 1 भाग शंख भस्म – 1 भाग गुडूची सत्त्व – 1 भाग प्रवाल पिष्टी – 1 भाग कपर्दिका भस्म – 1 भाग शुद्ध गैरिक – 1 भाग Trick to Learn :- प्रवीण कोड़ी के भाव में शंख खरीदकर, गेरुआ वस्त्र धारण कर मुक्ति के […]
पारदामृतलवङ्ग गन्धर्व भागयुग्ममरिचेन मिश्रितम्। जातिकाफलमथार्द्धभागिकं तिन्तिडीफलरसेन मर्दितम्।। मायमात्रमनुपानयोगतः सद्य एव जठराग्निदीपनः। सङ्ग्रह ग्रहण कुम्भकर्ण सामवातखरदूषणं जयेत् । वह्निमान्द्यदशवक्त्रनाशनो रामबाण इति विश्रुतो रसः।। (‘भै. र. अग्निमांद्य 10/90-92) घटक द्रव्य :- शुद्ध पारद – 1 भाग शद्ध वत्सनाभ -1 भाग शुद्ध गन्धक – 1 भाग जायफल – ½ भाग लवङ्ग – 1 भाग मरिच – 2 भाग […]
हिंगुल विषं टंकं जातीकोषफले तथा।मिरिचं पिप्पली चैव कस्तूरी च समांशिका।।रक्तिद्वयं ततः खादेत् सन्निपाते सुदारुणे॥ (र. सा. सं. ज्वराधिकार-177) घटक द्रव्य :- शुद्ध हिंगुल – 1 भाग शुद्ध टंकण – 1 भाग जायफल – 1 भाग पिप्पली – 1 भाग शुद्ध वत्सनाभ – 1 भाग जावित्री – 1 भाग मरिच – 1 भाग कस्तूरी – 1 […]
हिंगुलमहिफे नञ्च मुस्तके न्द्रयवं तथा। जातीफलं च कर्पूर सर्वं सम्मद्दय यत्नतः॥ जलेन वटिका कार्या द्विगुजापरिमाणतः। (भै. र. अतिसार 7/164-165) घटक द्रव्य :- शुद्ध हिंगुल – 1 भाग मुस्तक – 1 भाग जायफल – 1 भाग शुद्ध अफीम – 1 भाग इन्द्रयव – 1 भाग कर्पूर -1 भाग भावना द्रव्य :- जल आवश्यकता अनुसार Trick to […]
रसगन्धकलोहाभ्रशुल्वभस्मसमांशकम् ।त्रिफला द्विगुणा प्रोक्ता त्रिगुण ञ्च शिलाजतु।।चतुर्गुणं पुरं शुद्धं चित्रमूलं च तत्सम। तिक्ता सर्व समा ज्ञेया सर्वं सचूर्ण्य यत्नतः।।निम्बवृक्ष दलाम्भोभिर्मर्दयेदद्विदिनावधि।ततश्च वटिका कार्या राजकोलफलोपमा।। ( र. र. स. 20/106-108 ) घटक द्रव्य :- शुद्ध पारद – 1 भाग शुद्ध गंधक -1 भाग लौह भस्म – 1 भाग ताम्र भस्म – 1 भाग अभ्रक भस्म – 1 […]