शुद्धसूतं समं गन्दं मृतशुल्वं तयोः समम्। अभ्रलोहकयोर्भस्म कान्तभस्म सुवर्णजम्॥ राजतं च विषं सम्यक् पृथक्सूतसमं भवेत्। हंसपादीरसैमा दिनमेकं वटीकृतम्॥ काचकूप्यां विनिक्षिप्य मृदा संलेपयेदहिः। शुष्का सा वालुकायन्त्रे शनैर्मूद्ग्निना पचेत्॥ चतुर्गुञ्जामितं देयं पिप्पल्याद्रवेण तु॥ क्षयं त्रिदोषजं हन्ति सन्निपातांस्त्रयोदश। आमवातं धनुर्वातं शृङ्खलावातमेव च। आढ्यवातं पङ्गवातं कफवाताग्निमान्द्यनुत्। कटुवातं सर्वशूलं नाशयेन्नात्र संशयः॥ गुल्मशूलमुदावर्त ग्रहणीमतिदुस्तराम्। प्रमेहमुदरं सर्वामश्मरी मूत्रविग्रहम्॥ भगन्दरं सर्वकुष्ठं विद्रधिं महतीं […]
Month: February 2020
Prameh ( प्रमेह ) : Diabetes
मेदोवह स्रोतस की दुष्टी ही प्रमेह उत्पन करती है। मेदोवह स्त्रोतस परिचय-मेद धातु का वहन करने वाले स्रोत को मेदोवह स्रोतस कहते हैं। मेदोवह स्त्रोतस का प्राकृत कर्म– शरीर में स्नेहन, स्वेदन तथा शरीर को दृढ़ता प्रदान करना है।विकृत कर्म- प्रमेह विकृत होने पर स्थौल्यादि विकारों की उत्पत्ति होती है। मेदोवह स्रोतो दुष्टी के कारण– […]
AFTER READING SWASKUTHAR RAS, READ LAGHUSUTSHEKHAR RAS. रसो गन्धो विष चैव टंकणं च मन: शिला ꫰ एतानी टंकमात्राणि मरिचं चाष्टटंकम् ꫰꫰ एकैकं मरिचं दत्वा खल्वे सूक्ष्मं विमर्दयत् । त्रिकुट टंकमात्र च दत्वा पश्चादिव् चूर्णचेत् ꫰꫰ सर्वमेकत्र संयोज्य काककूप्या विनिक्षिपेत् ꫰꫰ घटक द्रव्य :- शुद्घ पारद – 1 भाग पिप्पली – 1 भाग शुद्घ गंधक – […]
AFTER READING NAVNEET VARG, READ TAIL VARG. नवनीत कर्म व गुण गाय गाय का मक्खन हितकारी, वृत्ति, वर्ण को श्रेष्ठ करने वाला बलकारक, अग्नि प्रदीपक और यही वात, पित्त, रक्त विकार क्षय बवासीर लकवा और स्वाति को नष्ट करता है। यह बालक और वृद्धों के लिए हितकारी है। बच्चों के लिए तो अमृत समान है। […]
AFTER READING LAGHUSUTSHEKHAR RAS, READ SWASKUTHAR RAS. Ingredients :- शुण्ठी चूर्ण – १ भाग शुद्ध स्वर्ण गैरिक – २ भाग भावना द्रव्य :- नागवल्ली स्वरस (आवश्यकता अनुसार ) विधि / Vidhi :- स्वर्ण गैरिक के सूक्ष्म चूर्ण को गौ घृत मे भ्रजन करें ꫰ भ्रजन करने के पश्चात् उसे ठंडा होने दें ꫰ शुण्ठी का […]
इसमें शूक धान्य (Shukh Dhanya) और शमी धान्य (Shami Dhanya) का वर्णन दिया गया है। शूकधान्यवर्ग (Shukh Dhanya) :- महाशालि कलम (जो उखाड़ कर पुनः प्रतिरोपित जाता है, जैसे रोपा धान) शकुनाहृत तूर्णक दीर्घशूक गौर धान्य (गौरिया) पाण्डुक,पाल सुगन्धिक (बासमती) लोहवाल सारिका प्रमोदक पतंग तथा जपनीय रक्तशाली (लाल धान) ● ये सभी प्रकार के चावल […]
जो सम्पूर्ण शरीर तथा मन को पीड़ित करता है, उसे शल्य (Shalay) हैं। आशुगमनार्थक ‘शल् धातु’ से यत् प्रत्यय जोड़कर शल्य शब्द निष्पन्न होता है। इस अध्याय में लोह आदि शल्य के लक्षणों तथा उनको निकालने के उपायों का वर्णन किया जायेगा। वक्रर्जुतिर्यगूध्ध्वाधः शल्यानां पञ्चधा गतिः। शल्य (Shalay) की गतियां = शरीरावयवों में प्रविष्ट होते […]
AFTER READING AGNIKUMAR RAS, READ SWASKUTHAR RAS. रसेन्द्रगन्यं सहटङ्कणेन समं विषं योज्यमिदं त्रिभागम्।कपर्दिशकावपि च त्रिभागौ मरीचचूर्णाष्टगुणं विदध्यात्॥सुपक्वजम्बीररसन घृष्टः शुद्धो भवेदग्निकुमार एषः।विषूचिकारोचकसन्निपाते देयं द्धिगुझं यदिवाप्यजीर्णे॥श्रीपर्णखण्डेन यथाबल च शीतं जलं चानु पिबेत्परन्तु॥ Ingredients :- पारद ( 1 भाग ) गंधक ( 1 भाग ) टंकण भस्म ( 1 भाग ) वत्सनाभ ( 3 भाग ) कपर्द भस्म […]
रसं विषं चाभ्रगन्धं तालकं हिंगुलं विषम् शुल्बभस्मसमं तुल्यं मर्दितं भृङ्गवारिणा।।काचकुप्यां विनिक्षिप्य मृत्तिका लेपयेद्वहिः। वालुकायन्त्रके पाच्यं दिनैकं मन्द वन्हिना ॥साङ्गशीतलमुद्धृत्य दातव्यं चणमात्रकम्। अनुपानविशेषेण चातुर्थिकज्वरं हरेत्॥सन्निपातं निहन्त्याशु सर्वज्वरहरं परम्। महदग्निकुमारोऽय सर्वव्याधि विदारण ॥ Ingredients :- पारद, वत्सनाभ, अभ्रक, गंधक, हरताल, हिंगुल, ताम्र सभी द्रव्य एक समान मात्रा में। Bhawana Dravya :- भृंग राज स्वरस Vidhi :- मिश्रण […]
रसकेन समं शंख शिखिग्रीवं च पादिकम्। गोजिह्वया जयन्त्या च तुण्डुलीयैश्च भावयेत्॥प्रत्येकं सप्तसप्ताथ शुष्कं गुञ्जाचतुष्टयम्। जरणेन घृतेनाद्यात्त्र्याहिकज्वरशान्तये॥ Ingredients :- रसक, शंख ( दोनों की समान मात्रा ) Bhawna Dravaya :- शिखि ग्रीव, पादिक, गोजिह्वा, तंदुलिया प्रत्येक की 7-7 भावना देते है Vidhi :- भावना देने के बाद में औषधि को सुखाकर चूर्ण करले Dossage :- 4 […]