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Rog Nidan

MRI ( MAGNETIC RESONANCE IMAGING )

MRI is an exciting advancement in Radiology. Since a few decades it occupied a significant place in advanced radiology. High resolution multi plane 3D image Superior contrast resolution. The principle is based on the that any nuclei with unpaired protons behave like magnet when they spin. When these nuclei are subjected to a strong magnetic […]

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Stree evam Prastuti Tantra

Diagnosis of Pregnancy in three trimesters

Diagnosis of Pregnancy contains the signs and symptoms obtained during first, second and third trimester along with general examination and investigation.

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Stree evam Prastuti Tantra

Polycystic ovarian syndrome (PCOS)

Polycystic Ovarian Syndrome (PCOS) manifested by Amenorrhoea (absence of menstruation), Hirsutism (excessive growth of Androgen dependent sexual hair in facial and central part of body) and Obesity associated with enlarged polycystic ovaries. • This heterogeneous condition is characterised by excessive Androgen production by the ovaries mainly. • PCOS is a multifactorial and polygenic condition. ◾Diagnosis […]

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Ras Shastra Syllabus

Rasak ( रसक ) : Zinc Ore – Maha ras

रसक (Rasak) के नाम:- हिंदी खपरिया संस्कृत रसक English Zinc ore or Calamine Chemical formula:- Zn Co3 पर्याय :- रसक, रीतिकृत, ताम्ररंजक, नेत्ररोगरि, खर्पर। Types:- On the basis of रसार्णव:- मृतिकाकार गुडाभ पाषाणाभ On the basis of रसरत्नसमुच्चय:- दर्दुर : दलयुक्त करवेल्लक : दल रहित उपयोग :- यशद धातु प्राप्ति क लिए औषधि रूप में […]

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Ras Shastra Syllabus

Chapal ( चपल ) : Bismuth Ore – Maharas

चपल (Chapal) के नाम :- संस्कृत चपल: हिंदी चपल English Bismuth ore काठिन्य :- 2 – 2.5 विशिष्ट गुरुत्व :- 9.7 घनत्व :- 7.8 उत्पति :– पौराणिक मान्यता के अनुसार चपल (Chapal) ईश्वर के नासारंध्र का मल है। माक्षिक की खानों से इसकी प्राप्ति होती है। जहां पर नाग वंग उतपन्न होता है, वहां पर […]

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Ras Shastra Syllabus

Sasyak ( सस्यक ) : Copper Sulphate – Maharas

सस्यक (Sasyak) के नाम:- संस्कृत सस्यक हिंदी तूतिया (तुत्थ) English Copper sulphate Chemical formula:- Cu So4 .7 H2 O पर्याय :- तुत्थ, ताम्रगर्भ, शिखिग्रीव, अमृतासंग, तुत्थक। उत्पत्ति :- गरुड़ ने पहले अमृत को पीने के बाद विष का भी पान किया, जिससे मरकत (नीलगिरि) पर्वत पर अमृत्युक्त विष का वमन कर दिया, कुछ समय के […]

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Yog ( Formulations )

Bhringaraja Tail ( भृंगराज तैल ) – Medicine

AFTER READING BHRINGARAJA TAIL, READ KUMKUMADI TAIL. नीलीमूलकषाये तु बीजं खदिरसारजम्। नीलीमूलाञ्जनं कल्कं यष्टी मधुकमेव च॥ मार्कवस्वरसप्रस्थं तैलप्रस्थं विपाचयेत्। अनेन लिप्ता: केशा: स्युः मृदवः षट्पदैः समाः ॥ इन्द्रलुप्तहरं चैव पालित्यं चैव नाशयेत्। तैलं रहस्यं परमं वलीपलितनाशनम् (पून्यादीय बृहतीफलसंयुक्तं गुञ्जामूलफलं तथा तल्लेपे नश्यति क्षिप्रमिन्द्रलुप्तमनेकधा॥ Ingredients :- भृंगराज मूल, खदिर सारज बीज, भृंगराज अञ्ज्जन, मुलेठी। Drav Dravaya […]

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Yog ( Formulations )

Manjisthadi Tail (मञ्जिष्ठादि तैल ) : Medicine

AFTER READING MANJISTHADI TAIL, READ KUMKUMADI TAIL. मञ्जिष्ठा मधुकं लाक्षा मातुलुङ्गश्च यष्टिका। कर्षप्रमाणैरेतैस्तु तैलस्य कुडवं तथा।।आज पयस्तु द्विगुणं शनैर्मद्ग्निना पचेत्। नीलिकापिटिकाव्यङ्गानभ्यङ्गादेव नाशयेत्॥ मुखं प्रसादोपचितं वलीपलितवर्जितम्। सप्तरात्रप्रयोगेण भवेत्कनकसन्निभम्।। Ingredients :- मांजिष्ठा, मुलेठी, मातुलुङ्ग, यष्टिका (प्रत्येक द्रव्य एक कलक) द्रव द्रव्य :- तिल का तैल ( 1 कुडव ), बकरी का दूध 2 कुडव Vidhi :- उपयुक्त […]

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Yog ( Formulations )

Bheem Rudra Ras (भीमरुद्र रस ) : Medicine

AFTER READING BHEEM RUDRA RAS, READ PRABHAVATI VATIKA. मृतं स्वर्ण शुद्धसूतं शुद्धं वै हेममाक्षिकम्। त्रयाणां गन्धकं तुल्यं मधु कन्याद्रवैर्दिनम्। तच्छुष्कं ससितक्षौद्रं माषैकं लेहयेत्सदा। बह्निमूलं शृतं क्षीरैरनुस्थाद्रनाशनम्॥ Ingredients :- मृत स्वर्ण (1 भाग) , शुद्ध पारद (1 भाग), शुद्ध स्वर्ण माक्षिक (1 भाग), गंधक शुद्ध (3 भाग) Bhawna Dravya :- घृत कुमारी स्वरस Vidhi :- पारद […]

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Yog ( Formulations )

Prabhavati vatika (प्रभावती वटिका) – Medicine

AFTER READING PRABHAVATI VATIKA, READ BHEEM RUDRA RAS. हरिद्रा निम्बपत्राणि पिप्पली मरिचानि च। विडङ्ग भद्रमुस्ता च जीरकं विश्वभेषजम्॥ चित्रकं सैन्धवं कुष्ठं विषं पाठा हरीतकी। एतानि समभागानि ह्यजामूत्रेण पेषयेत्॥ चणप्रमाणवटिकाश्छायाशुष्काश्चकारयेत्। एकामुष्णोदकैः पीत्वा विषूची च व्यपोहति॥ लूतविस्फोटभेदं च गोमूत्रेण विलेपयेत्। अष्टौ तक्रेण सेवेत सर्पदष्ठविषं हरेत्॥ महारक्तप्रवाहे तु श्रीगन्धेन समं पिबेत्। अर्कक्षीरयुतं लेप्यं वृश्चिकादिविषं हरेत्॥ हन्ति पुष्पं च […]