‘शिव’ का अर्थ ही परम अर्थात श्रेष्ठ होता है। अर्थात रोगों पर विजय प्राप्ति की यह श्रेष्ठ औषधि होने से इसे ‘शिव’ नाम दिया गया है। आमवात, कटीशूल, गृध्रसी, क्रोष्टुशीर्ष आदि रोगों का नाश करने के लिए “शिवा गुग्गुलु (Shiva Guggulu)” से अच्छी कोई दूसरी औषधि नहीं है।
शिवाबिभीतामलकीफलानां प्रत्येकशो मुष्टिचतुष्टयञ्च।तोयाढके तत्क्वथितम् विधाय। पादावशेषे त्तववतारणीयम्॥१९१॥ एरण्डतैलं द्विपलं निधाय पिचुत्रियम् गन्धकनामकस्य । पचेत् पुरस्यात्र पलद्वयञ्च पाकावशेषे च विचूर्ण्य दद्यात् ॥१९२॥ रास्ना विडङ्गं मरिचं कणा च दन्तीजटानागरदेवदारु । प्रत्येकशः कोलमितम् तथैषां विचूर्ण्य निक्षिप्य नियोजयेच्च ॥ १९३॥ आमवाते कटीशूले गृध्रसीक्रोष्टुशीर्षके । न चान्यदस्ति भैषज्यं यथाऽयं गुग्गुलुः स्मृतः ॥१९४॥ (र.सा.सं.)
Ingredients of Shiva Guggulu:-
- आमला (Emblica officinalis) – 187 ग्राम
- हरीतकी (Terminalia chebula) – 187 ग्राम
- बहेड़ा (Terminalia bellirica) – 187 ग्राम
- जल – 3 लीटर – अवशेष क्वाथ चौथाई 750 मि. लि.
- एरंड तैल (Castor oil) – 93 ग्राम
- शुद्ध गन्धक (Sulphur) – 35 ग्राम
- शुद्ध गुग्गुलु (Commiphora wightii) – 93 ग्राम
- रास्ना (Pluchea lanceolata) – 6 ग्राम
- वायविडङ्गग (Embelia ribes) – 6 ग्राम
- मरिच (Piper nigrum) – 6 ग्राम
- पीपर (Piper longum) – 6 ग्राम
- दन्तीमूल (Croton polyandrum) – 6 ग्राम
- जटामांसी (Nardostachys jatamansi) – 6 ग्राम
- सोंठ (Zingiber officinale) – 6 ग्राम
- देवदारु (Cedrus deodara) – 6 ग्राम
निर्माण विधि/ Preparation of Shiva Guggulu:-
- उपर्युक्त 750 मि.ली. त्रिफला क्वाथ में एरण्ड तैल, शुद्ध गन्धक एवं शुद्ध गुग्गुल मिलाकर, लोहे की एक छोटी कड़ाही में मन्दाग्नि पर पकावें।
- जब गाढ़ा हो जाय तो उसमें रास्ना आदि 8 द्रव्यों का चूर्ण मिलाकर, अच्छी तरह मिलाकर 1-1 gm (ग्राम) की वटी बनाकर छाया में सुखाकर कांचपात्र में संग्रह करे।
मात्रा/ Dosage:-
1 gm (ग्राम)
अनुपान:-
उष्ण जल
- गन्ध/ Smell – एरंड तेल गन्धी
- वर्ण/ Appearance – कृष्णाभ
- स्वाद/ Taste – तिक्त