आचार्य सुश्रुत ने 11 प्रकार के शिरोरोग (Shiroroga) का वर्णन किया है।
Mnemonic:- सूर्य द्वारा दोषों के क्षय से आधे भाग में शंख समान अनंत कृमि उत्पन्न हुए।
- सूर्य – सूर्यावर्त्त रोग
- दोषों – (5) वात, पित्त, कफ, रक्तज, त्रिदोषज शिरोरोग
- क्षय – क्षयज शिरो रोग
- आधे – अर्धावभेदक
- शंख – शंखक
- अनंत – अनंतवात
- कृमि – कृमिज शिरोरोग
समान्य निदान:-
धुँआ, धूप, ओस, जल क्रीड़ा, बहुत सोना, रात्रि जागरण, अतिस्वेदन, सामने की वायु, आंसुओं को रोकना, रोना, अधिक जलपान, अति मद्यपान, कृमि, उपस्थित वेगों को रोकना, स्नान और अभ्यंग से द्वेष करना, निरंतर नीचे देखने से, असात्म्य गंध, दूषित गंध व आम गंध और अधिक बोलने से प्रकुपित दोष शिर में जाकर रोगों (Shiroroga) को उत्पन्न करते हैं। [ अ.हृ. उ.त. 23/1-2]
Quick Revision of Shiroroga:-
वातज शिरोरोग | बिना कारण सिर में पीडा़, रात्रि में तीव्र पीडा़, सिर बांधने से या तपाए वस्त्र से सेक देने पर पीडा़ का शमन। ग्रीवा का पिछला भाग फटता सा प्रतीत होता है, भ्रू के मध्य में पीडा़, कर्णशूल व नाद, आंखे निकलती सी प्रतीत होती है। सिर घूमता, संधियां अलग। प्रकाश सहन नहीं करता, नासिका स्त्राव। | स्नेहन, स्वेदन, अभ्यंग, परिषेक, अनुवासन बस्ति, घृत व तैल पान, दूध का सेक, खीर का लेप, स्नैहिक धूम्रपान | Tension Headache, is also called Stress headache. Most common type, pain from lower back to head, neck, eye and muscle group, effecting both side of head |
पित्तज शिरोरोग | अंग उष्ण लगे, जलन, नेत्र व नासिका से धुआं सा निकलता लगता, शीत उपचार व रात्रि में शयन | नस्य, लेप, बस्ति (उत्पलादि गण या काकोल्यादि गण ) | Cluster headache is neurological disorder characterized by recurrent severe headache on one side of head typically around eyes |
कफज शिरोरोग | सिर व कंठ कफ से भरा हुआ लगता है, भारीपन, स्तंभ, बर्फ समान शीत प्रतीती, नेत्र गोलक व मुख पर शोथ, सिराओं का फड़कना, दिन मे मंद पीडा़, रात्रि में अधिक पीडा़, कर्ण कण्डू, वमन | तीक्ष्ण शिरोविरेचक, वमन, गण्डूष, अच्च सर्पि पान, स्वेदन, मेषश्रृंगी धूमपान , लंघन | Sinusitis |
त्रिदोषज शिरोरोग | मिश्रित | मिश्रित | Cerebral thrombosis |
रक्तज शिरोरोग | पित्तज समान सिर्फ स्पर्श असहनता | शर्करा व केशर युक्त घृत नस्य, पित्तज समान | |
क्षयज शिरोरोग | आघात आदि कारण, स्वेदन, वमन, धुम्रपान, यक्त मोक्षण से वृद्धि | बृंहन चिकित्सा, नस्य, घृतपान | Post traumatic headache |
कृमिज शिरोरोग | सुई चुभने समान पीडा़, भीतरी भाग कृमियो द्वारा खाया जा रहा, स्फुरण, नासिका से जल व रक्त स्त्राव, दुर्गंध, शोथ खुजली, कर्णनाद | रक्त का नस्य, कूर्चक से पकडकर बाहर, अवपीड नस्य, धूम्रपान | Invasive fungal sinusitis |
सूर्यावर्त | सूर्य के उदय के साथ पीडा़ शुरू, धीरे धीरे बढ़ना, आंख व भ्रू मध्य में शूल, सूर्य तेज कम होने पर शूल कम, कभी शीत, कभी उष्ण उपचार से शांति, भूख लगने पर पीडा़ वृद्धि | रक्तमोक्षण, नस्य, भोजन के बाद घृतपान, शिरो बस्ति, परिषेक | Acute frontal sinusitis (Office headache) |
अनंतवात | ग्रीवा के पीछे के भाग, आंख, भ्रू व शंख प्रदेश में आश्रय, कम्प, हनुग्रह, अनेक नेत्र रोग | त्रिदोषज सूर्यावर्त समान चिकित्सा, मधुमस्तक, दार्वादि लेप | Trigeminal neuralgia -unilateral, brief, intermittent intense pain that lasts for few seconds to minutes |
अर्धावभेदक | सिर के आधे भाग मे शूल, तोद, भ्रम, 30-15-10 दिन बाद होना, नेत्र व कर्ण नष्ट | सूर्यावर्त्त के समान, बांस व कर्पूर का अवपीड नस्य, शिरोविरेचन, काय विरेचध, पुराण घृत पान, शिरो बस्ति, अग्नि कर्म | Migraine is a throbbing, periodic pain usually in one half of the head, can spread over entire head |
शंखक | वायु शंख प्रदेश आश्रित कफ, पित्त, रक्त के साथ मिलकर दोनों शंखो में तीव्र वेदना, कष्टकारक, मृत्यु, तीन दिन में मृत्यु | क्षीरसर्पि पान, मांस रस के साथ भोजन, शीतल लेप, परिषेक, शिरोविरेचक, सूर्यावर्त्त समान, अवपीड नस्य, विसर्प नाशक चिकित्सा | Temporal Arteritis also called giant cell Arteritis, inflammation of lining of arteries, auto immune disease |
सामान्य चिकित्सा :-
- कृमिज व क्षयज छोड़कर शिरोविरेचक द्रव्यों के चूर्ण में मधु व तैल मिलाकर नस्य, बाद में कटु तैल नस्य।
- स्नेहन, स्वेदन, सिराव्यध