Bronchodilator is a substance that dilates the bronchi and bronchioles, decreasing resistance in the respiratory airway and increasing airflow to the lungs. Bronchospasm can induce or aggravate cough. Stimulation of pulmonary receptors can trigger both cough and broncho constriction, especially in individuals with effectiveness of cough in clearing secretions by increasing surface velocity of airflow during the act of coughing. They should […]
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सुधा वर्ग (Sudha Varga) में उन द्रव्यों को रखा गया है – जिन द्रव्यों में चूने (calcium)की मात्रा अधिक हो :- सुधा : Lime कपर्द : Cowries शुक्ति : Oyster shell शंख : Couch shell मृगश्रृंङ्ग : Hart’s horn / Stag horn खटिका : Chalk गोदन्ती : Gypsum समुद्रफेन : Cuttle Fish bone कुक्कुटाण्डत्वक् : […]
शब्द उत्पत्ति – वि + रिच् + णिच् + ल्युट् । ‘विरेचन’ (Virechan) का अर्थ है – मलादि को निष्कासित करना। आचार्य चरकानुसार :- तत्र दोषहरणमूर्च्व भागं वमन संज्ञकम, अधोभाग विरेचन संज्ञक; उभयं वा शरीरमलविरेचनाद्विरेचन संज्ञा लभते।। (च॰ क॰ अ॰ १/४) What is Virechan ? अधोमाग (गुदा) से दोष-हरण की क्रिया को विरेचन (Virechan) संज्ञा […]
पालङ्क :- कृष्णवर्ण का होता है। श्वेत रेखा युक्त पाषाण स्निग्ध, और मृदु 3 प्रकार का- कृष्ण वर्ण पीताभकृष्ण वर्ण धूम्रवर्ण पालङ्क (Palanka) धारण करने पर यश मिलता है। रुधिर :- यह इन्द्रगोप सदृश रक्तवर्ण का । अंदर का भाग चाँद जैसा श्वेतवर्ण और शेष चारों तरफ इन्द्रनील जैसे वर्ण का। मूर्तियाँ बनाने के लिए […]
Name :- संस्कृत तृणकान्तमणिःः हिन्दी तृणकान्त Latin Succinum English Amber Hardness – 2.5 Relative Density – 1.1 Chemical Formula – C40H64O4 पर्याय :- तृणग्रह तृणकान्त तृणकान्तमणि परिचय :- Fossil resin श्वेत पाण्डु, पीताभ रक्तवर्ण में मिलता है। इसका नाम तृण कान्त (Trinkant) इसलिए पड़ा क्यूँकि जब इस के टुकड़ों को ऊनी, रेशमी और सूती कपड़े […]
Names :- संस्कृत स्फटिकः हिन्दी स्फटिक English Rock crystal Hardness= 7 Relative Density= 2.65 Chemical Formula= SiO2 पर्याय :- शिवरत्न स्फटिक निर्मलोपल सितोपल स्वच्छ स्वच्छमणि अम्लरत्न शिवप्रिय शालीपिष्ट परिचय :- स्फटिक (Sphatik) पारदर्शक, बिना किसी रंग के, स्वच्छ, श्वेतवर्ण का पाषाण। माला, बर्तन शिवलिङ्ग, मूर्ति आदि बनाये जाते हैं। शुद्ध स्फटिक (Sphatik) रंगहीन, निर्मल होता […]
Name :- संस्कृत पैरोजकः हिन्दी पिरोजा English Turquoise Hardness= 5-6 Relative Density= 2.61- 2.89 Chemical Formula= (CuOH){(Al(OH)2}6 H5(PO4)}4 पर्याय :- पैरोज पैरोजक हरिन्मणि विषारार्ति हरिताश्म परिचय :- पैरोजक नीलवर्ण का अपारदर्शक पाषाण खनिज है। धूप और गर्मी में इसका रंग विकृत हो जाता है। HCl Acid में घुलनशील होता है। केतु ग्रह को प्रसन्न करता […]
हल के समान शरीर की आकृति बनाने से इसे, हलासन (Halasana) कहते है। *स्थिति : ताड़ासन ( उत्तान नानासन) विधि /Steps :- सर्वांगासन की भाँति पैरों को क्रमश: 30°,60°,90° तक उठाना चाहिए। इस स्थिति को हलासन (Halasana) कहते हैं। हाथो से भूमि को दबाते हुये और पीठ को भूमि पर टिकाकर धीरे धीरे पैरों को […]
Introduction Antiseptic is an antimicrobial substance which is applied to living tissue/skin to reduce the possibility of infection, sepsis, or putrefaction. They are generally distinguished from antibiotics by the latter ability to safely destroy bacteria within the body, and from disinfectants, which destroy microorganisms found on non-living objects. Some antiseptics are true germicides, capable of […]
प्रवालमुक्ताफलशंखशुक्ति कपर्दिकानां च समांशभागम् ।प्रवालमात्र द्विगुणं प्रयोज्यं सर्वैः समांशं रविद्ग्धमेय।।एकीकृतं तत्खलु भाण्डमध्ये क्षिप्त्या मुखे बन्धनमत्र योज्यम्। पुटं विदध्यादतिशीतले च उद्धृत्य तद्भस्म क्षिपेत्करण्डे।। नित्यं द्विवारं प्रतिपाकयुक्तं वल्लप्रमाणं हि नरेण सेव्यम्।आनाहगुल्मोदर प्लीहकासश्वासाग्निमान्द्यान्कफमारुत्तोत्थान्।।अजीर्णमुद्गार हृदामयध्नं ग्रहण्यतीसार विकारनाशनम्।मेहामयं मूत्ररोगं मूत्रकृच्छू तथाश्मरीम्।। नाशयेन्नात्र सन्देहः सत्यं गुरुवाचो यथा।पथ्याश्रितं भोजनमादरेण समाचरेन्निर्मलचित्तवृत्त्या।। प्रवालपञ्चामृतनामधेयो योगोत्तमः सर्वगदापहारी।। (भै. र. गुल्म 32/116-120) घटक द्रव्य :- प्रवाल भस्म […]