Name :- संस्कृत माणिक्यम् हिन्दी माणिक्य English Ruby Chemical Formula Al2 O3 Hardness (काठिन्य)= 9 Relative density (आपेक्षिक घनत्व)= 4 पर्याय :- माणिक्य रंगमाणिक्य रविरत्न रविप्रिय लोहित शोण रत्न कुरुविन्द परिचय :- गुलाबी या रक्त वर्ण का चमकदार (lustrous) पारदर्शक (transparent) कठोर पाषाण द्रव्य। प्राप्ति स्थान :- Sri Lanka, USA, Australia, Thailand, Kashmir, Karnataka. Types […]
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नाम :- संस्कृत कांस्य हिन्दी कांसा English White copper Latin Bronze पर्याय :- कांस्य घोष कंसक सौराष्ट्रज कंसीय वह्निलौह घोषपुष्प ताम्रत्रपुज History :- Charak Samhita = बर्तन, घण्टी, मुर्तियाँ आदि के निर्माण में कांस्य (Kaansya) का वर्णन मिलता है। Sushrut Samhita Kaal = अनेक स्थानों पर इसके पात्रों का वर्णन मिलता है। परिचय :- 8 […]
1. वमन ◾सम्यग योग लक्षण – क्रमात कफः पित्तमथानिलश्च यस्यैति सम्यक् वमितः स इष्टः। हत्पा्श्वमर्धेन्द्रियमार्गशुद्धौ तथा लघुत्वेऽपि च लक्ष्यमाणे॥ (च. सि. 1/15) निर्विबंध प्रवर्तन्ते कफपित्तानिला क्रमात्। सम्यग् योगे। (अ.ह.सू. 18/25) पित्ते कफस्यानुसुखं प्रवृत्ते शुद्धेषु हत्कंठ शिरः सु चापि। लघौ च देहे कफसंस्रवे च स्थिते सुवान्तं पुरुषं व्यवस्येत्।। (सु. चि. 33/9) सम्यक् वमन में क्रम से […]
Vaman karma ( वमन कर्म ) : Panchkarma
◾वमन (Vaman) शब्द उत्पत्ति :- ‘वम’ में ल्युुट् प्रत्यय लगाने से ‘वमन‘ शब्द की उत्पत्ति होती है। ‘वमन’ (Vaman) शब्द का अर्थ है उल्टी, आमाशय स्थित द्रव का मुख मार्ग से बहिर्गमन। ◾पर्याय :- छर्दि, प्रच्छर्दन, नि:सारण, अभिष्यंदन, आहरण ◾परिभाषा :- तत्र दोषहरणमूर्ध्वभाग वमनसंज्ञकम्। (च. क. 1/4) ऊर्ध्व मार्ग द्वारा दोषों के निरहरण को वमन […]
नाम :- संस्कृत पितलम् हिन्दी पीतल English Brass पर्याय :- पित्तल पीतलौह कपि लौह रितिका आरकूट आर रीति राजरीति पिङ्गला कपिला। History :- Copper + Zinc ➡ Brass alloy (Pittal) परिचय :- 2 part of copper + 1 part of zinc ⬇ गरमूषा में रखकर प्रखराग्नि द्वारा धमन कर ⬇ पिघलाने पर लौह प्लेट में […]
नाम:- संस्कृत वङ्गम् हिंदी रांगा Latin Stannum English Tin (Sn) Atomic number= 50 Atomic mass= 118.70 पर्याय:- वङ्ग वङ्गक रङ्ग रङ्गक त्रपु त्रपुस शुक्रलौह । उत्पत्ति :- पौराणिक मान्यतानुसार इसकी उत्पत्ति इन्द्र के शुक्र से बतलायी है। परिचय:- Vangh is as white and lustrous as रजत धातु। It is obtained as mineral and compound form. […]
बिल्वोऽग्निमन्थः श्योनाकः काश्मयः पाटलिर्बला । पण्ण्यश्चतम्रः पिप्पल्यः श्वदंष्ट्रा बृहतीद्वयम्।। शृङ्गी तामलकी द्राक्षा जीवन्ती पुष्करागुरु । अभया चामृता ऋद्धिर्जीवकर्षभको शटी।। ६३ ॥ मुस्तं पुनर्नवा मेदा सैला चन्दनमुत्पलम्। विदारी वृषमूलानि काकोली काकनासिका ॥ ६४॥ एषां पलोन्मितान् भागाञ्छतान्यामलकस्य च । पञ्च दद्यात्तदैकध्यं जलद्रोणे विपाचयेत्।। ६५॥ ज्ञात्वा गतरसान्येतान्यौषधान्यथ तं रसम्। तच्चामलकमुद्धृत्य निष्कुलं तैलसर्पिषोः ॥६६॥ पलद्वादशके भृष्ट्वा दत्त्वा चार्धतुलां भिषक् […]
AFTER READING BHRINGARAJA TAIL, READ KUMKUMADI TAIL. नीलीमूलकषाये तु बीजं खदिरसारजम्। नीलीमूलाञ्जनं कल्कं यष्टी मधुकमेव च॥ मार्कवस्वरसप्रस्थं तैलप्रस्थं विपाचयेत्। अनेन लिप्ता: केशा: स्युः मृदवः षट्पदैः समाः ॥ इन्द्रलुप्तहरं चैव पालित्यं चैव नाशयेत्। तैलं रहस्यं परमं वलीपलितनाशनम् (पून्यादीय बृहतीफलसंयुक्तं गुञ्जामूलफलं तथा तल्लेपे नश्यति क्षिप्रमिन्द्रलुप्तमनेकधा॥ Ingredients :- भृंगराज मूल, खदिर सारज बीज, भृंगराज अञ्ज्जन, मुलेठी। Drav Dravaya […]
AFTER READING MANJISTHADI TAIL, READ KUMKUMADI TAIL. मञ्जिष्ठा मधुकं लाक्षा मातुलुङ्गश्च यष्टिका। कर्षप्रमाणैरेतैस्तु तैलस्य कुडवं तथा।।आज पयस्तु द्विगुणं शनैर्मद्ग्निना पचेत्। नीलिकापिटिकाव्यङ्गानभ्यङ्गादेव नाशयेत्॥ मुखं प्रसादोपचितं वलीपलितवर्जितम्। सप्तरात्रप्रयोगेण भवेत्कनकसन्निभम्।। Ingredients :- मांजिष्ठा, मुलेठी, मातुलुङ्ग, यष्टिका (प्रत्येक द्रव्य एक कलक) द्रव द्रव्य :- तिल का तैल ( 1 कुडव ), बकरी का दूध 2 कुडव Vidhi :- उपयुक्त […]
AFTER READING BHEEM RUDRA RAS, READ PRABHAVATI VATIKA. मृतं स्वर्ण शुद्धसूतं शुद्धं वै हेममाक्षिकम्। त्रयाणां गन्धकं तुल्यं मधु कन्याद्रवैर्दिनम्। तच्छुष्कं ससितक्षौद्रं माषैकं लेहयेत्सदा। बह्निमूलं शृतं क्षीरैरनुस्थाद्रनाशनम्॥ Ingredients :- मृत स्वर्ण (1 भाग) , शुद्ध पारद (1 भाग), शुद्ध स्वर्ण माक्षिक (1 भाग), गंधक शुद्ध (3 भाग) Bhawna Dravya :- घृत कुमारी स्वरस Vidhi :- पारद […]